खास बातें
- गृह मंत्रालय के तहत कार्यरत एनसीआरबी की रिपोर्ट
- औसत रोजाना 426 लोगों की या हर घंटे 18 लोगों की मौत हुई
- अब तक दर्ज दुर्घटनाओं में मौत के सर्वाधिक मामले
नई दिल्ली: पिछले साल भारत में सड़क दुर्घटनाओं (Road Accidents) में 1.55 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई. इसका मतलब है कि औसत रोजाना 426 लोगों की या हर घंटे 18 लोगों की मौत हुई. यह किसी कलैंडर वर्ष में अब तक दर्ज दुर्घटनाओं में मौत के सर्वाधिक मामले हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के ‘भारत में दुर्घटनाओं में मृत्यु तथा आत्महत्या के मामले-2021' मद के तहत आंकड़ों के अनुसार पिछले साल पूरे देश में 4.03 लाख सड़क दुर्घटनाओं में 3.71 लाख लोग घायल हो गए.
गृह मंत्रालय के तहत कार्यरत एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं में मौत के सर्वाधिक मामले आए थे, वहीं सड़क दुर्घटनाओं और घायल हुए लोगों की संख्या इससे पहले के सालों के मुकाबले कम हुई है.
आंकड़े दर्शाते हैं कि 2021 में प्रति हजार वाहनों पर मृत्यु के मामलों की दर 0.53 थी जो 2020 में 0.45 तथा 2019 में 0.52 की दर से अधिक थी लेकिन 2018 की 0.56 तथा 2017 की 0.59 दर से कम थी.
साल 2020 में देश में ज्यादातर समय कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन लगा था और उस साल देश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 3.54 लाख रही जिनमें 1.33 लाख लोगों की मौत हो गयी, वहीं 3.35 लाख अन्य घायल हो गए.
एनसीआरबी ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा, ‘‘आमतौर पर सड़क दुर्घटनाओं में मौत के मामलों से ज्यादा लोगों के घायल होने के मामले आते हैं, लेकिन मिजोरम, पंजाब, झारखंड और उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में लोगों के घायल होने से ज्यादा मामले मौत के आए.''
एनडीटीवी के रोड टू सेफ्टी कार्यक्रम में नितिन गडकरी
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)