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This Article is From Jan 06, 2019

Sabarimala temple: सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर इतिहास बनाने वाली महिलाओं ने कहा, हम जानते हैं हमारी जान को खतरा है, लेकिन...

सबरीमाला मंदिर (Sabarimala temple) में  प्रवेश कर इतिहास बनाने वाली दो महिलाओं बिंदु आमिनी (Bindu Ammini) और कनक दुर्गा (Kanaka Durga) को अब जान से मारने की धमकी मिल रही है.

Sabarimala temple: सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर इतिहास बनाने वाली महिलाओं ने कहा, हम जानते हैं हमारी जान को खतरा है, लेकिन...
सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली दोनों महिलाओं ने कहा कि उनकी जान को खतरा है.
केरल:

सबरीमाला मंदिर (Sabarimala temple) में  प्रवेश कर इतिहास बनाने वाली दो महिलाओं बिंदु आमिनी (Bindu Ammini) और कनक दुर्गा (Kanaka Durga) को अब राइट विंग ग्रुप जान से मारने की धमकी मिल रही है. एनडीटीवी से बातचीत में दोनों महिलाओं ने बताया कि उनकी जान को खतरा है. इस संबंध में कनक दुर्गा ने कहा, 'मैं जानती हूं कि मेरी जान को खतरा है, लेकिन मैं फिर भी मंदिर में जाना चाहूंगी. हमें इस बात पर गर्व है कि उन महिलाओं के लिए चीजें आसान कर दीं, जो सबरीमाला मंदिर में जाना चाहती हैं.' वहीं, बिंदु ने कहा, 'यह आस्था और समानता दोनों की बात है.' बिंदु ने आगे बताया कि  उनका परिवार मंदिर में प्रवेश करने के उनके फैसले के खिलाफ था.

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सबरीमाला मंदिर (Sabarimala temple) में बीते बुधवार को प्रवेश कर बिंदु और कनक ने उस प्राचीन प्रतिबंध की अवहेलना की, जो मंदिर में महिलाओं के प्रवेश ना करने को लेकर लगी थी. बिंदु और कनक के इस कदम से नाराज रूढ़िवादी हिंदू समूहों ने विरोध प्रदर्शन कर हड़ताल का आह्वान किया. पिछले साल 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्टने ने सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने का आदेश दिया था. इसके बावजूद विभिन्न श्रद्धालुओं और दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध के कारण कोई बच्ची या युवा महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई थीं.

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बिंदु ने इस संबंध में आगे कहा, मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, उनकी जमात काफी कम है. बहुत से लोग हमें समर्थन दे रहे हैं और हमारा सम्मान कर रहे हैं. राजनीतिक पार्टियां इसमें राजनीति कर रही हैं.' बता दें कि मंदिर में प्रवेश करने वाली एक महिला बिंदु कॉलेज में लेक्चरर और भाकपा (माले) की कार्यकर्ता हैं. वह कोझिकोड जिले के कोयिलैंडी की रहने वाली हैं. दूसरी महिला कनकदुर्गा मलप्पुरम के अंगदीपुरम में एक नागरिक आपूर्ति कर्मी हैं.

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के दाखिल होने के बाद 'शुद्धिकरण' के खिलाफ याचिका

बता दें कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बाद मुख्य पुजारी ने ‘शुद्धिकरण' समारोह के लिए मंदिर के गर्भ गृह को बंद करने का फैसला किया था.मंदिर को तड़के तीन बजे खोला गया था और ‘शुद्धिकरण' के लिए उसे सुबह साढ़े 10 बजे बंद कर दिया गया. मंदिर आम तौर पर दोपहर साढ़े बारह बजे बंद होता है. ‘शुद्धिकरण' की प्रक्रिया के कारण श्रद्धालुओं को मंदिर से बाहर जाने को कहा गया.इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद मंदिर को खोले जाने की बात की गई.

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इससे पहले दोनों महिलाओं ने 24 दिसंबर को भी मंदिर में प्रवेश की कोशिश की थी, लेकिन विरोध के कारण उन्हें लौटना पड़ा था. 

VIDEO: सबरीमाला मंदिर में 2 महिलाओं ने किए दर्शन

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