मुरथल/ सोनीपत:
हरियाणा में जाट आरक्षण को लेकर आंदोलन के दौरान मुरथल इलाके में महिलाओं से कथित गैंगरेप के मामले में पहली एफआईआर दर्ज हो गई है।
इस मामले में मीडिया में खबरें आने के बाद एक महिला सामने आई है और उसने हरियाणा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि 22 फरवरी की रात मुरथल में उसके साथ गैंगरेप हुआ। पुलिस में दर्ज शिकायत में इस महिला ने कहा कि 22 और 23 फरवरी की दरमियानी रात को हुड़दंगियों ने कई महिलाओं के साथ गैंगरेप किया।
गैंगरेप के आरोपों की जांच के लिए बनी विशेष जांच टीम की प्रमुख डीआईजी राजश्री के मुताबिक नरेला की इस महिला ने अपने देवर समेत सात लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई है। इसलिए इस मामले में पुलिस काफ़ी सोच बूझ कर आगे बढ़ रही है। पुलिस को आशंका है कि महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराने के पीछे का कारण 'पारिवारिक विवाद' हो सकता है।
(पढ़ें - मुरथल में कथित गैंगरेप का मामला : क्या सच, क्या झूठ)
वहीं जाट आंदोलन के सदस्यों द्वारा कई महिलाओं के बलात्कार और छेड़छाड़ की कथित घटनाओं पर गौर करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई महिला पुलिस अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम की प्रमुख राजश्री ने कहा कि पीड़ित अपराध के सटीक स्थल को लेकर निश्चित नहीं है, लेकिन उसका दावा है कि हरिद्वार से एक वैन में दिल्ली के नरेला जाते वक्त मुरथल के पास एक इमारत में उसका बलात्कार किया गया। हालांकि महिला ने कहा कि उसके साथ मौजूद 15 साल की उसकी बेटी का बलात्कार नहीं किया गया, लेकिन उसके कपड़े फाड़े गए। उन्होंने कहा कि महिला ने शनिवार को उन्हें फोन किया और रविवार को अपना बयान दर्ज कराया।
इसके साथ ही डीआईजी ने कहा कि उन्हें जो शिकायतें मिली हैं उनमें से ज्यादातर पुरुषों की हैं, जिन्होंने आंदोलनकारियों द्वारा उनके वाहनों को नुकसान पहुंचाने का दावा किया। इस बीच, हरियाणा सरकार ने जाट आंदोलन के दौरान हिंसा से प्रभावित 203 लोगों को 1.12 करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता को मंजूरी दी। हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि राशि सीधे दावाकर्ताओं के बैंक खातों में डाली जाएगी।
इससे पहले, ट्रक ड्राइवरों सहित कुछ स्थानीय लोगों ने दावा किया था कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों द्वारा महिलाओं को खेतों में घसीटते हुए देखा था। टीवी चैनलों ने कुछ स्थानों पर महिलाओं के अंत: वस्त्र पड़े दिखाए थे।
उधर मुख्यमंत्री ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस बीच आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित रोहतक के व्यापारी समुदाय ने कर राहत एवं बिजली बिल छूट की मांग की। डीआईजी राजश्री ने कहा, 'तीन ट्रक चालकों ने (मुरथल में) महिलाओं के यौन उत्पीड़न या बलात्कार की कोई घटना देखने की बात से इनकार किया है।' हालांकि ट्रक चालकों सुखविंदर, अब्दुल वाहिद और यदविंदर ने कहा कि आंदोलनकारियों ने उनके ट्रकों को आग लगा दी थी। (एजेंसी इनपुट के साथ)
इस मामले में मीडिया में खबरें आने के बाद एक महिला सामने आई है और उसने हरियाणा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि 22 फरवरी की रात मुरथल में उसके साथ गैंगरेप हुआ। पुलिस में दर्ज शिकायत में इस महिला ने कहा कि 22 और 23 फरवरी की दरमियानी रात को हुड़दंगियों ने कई महिलाओं के साथ गैंगरेप किया।
गैंगरेप के आरोपों की जांच के लिए बनी विशेष जांच टीम की प्रमुख डीआईजी राजश्री के मुताबिक नरेला की इस महिला ने अपने देवर समेत सात लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई है। इसलिए इस मामले में पुलिस काफ़ी सोच बूझ कर आगे बढ़ रही है। पुलिस को आशंका है कि महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराने के पीछे का कारण 'पारिवारिक विवाद' हो सकता है।
(पढ़ें - मुरथल में कथित गैंगरेप का मामला : क्या सच, क्या झूठ)
वहीं जाट आंदोलन के सदस्यों द्वारा कई महिलाओं के बलात्कार और छेड़छाड़ की कथित घटनाओं पर गौर करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई महिला पुलिस अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम की प्रमुख राजश्री ने कहा कि पीड़ित अपराध के सटीक स्थल को लेकर निश्चित नहीं है, लेकिन उसका दावा है कि हरिद्वार से एक वैन में दिल्ली के नरेला जाते वक्त मुरथल के पास एक इमारत में उसका बलात्कार किया गया। हालांकि महिला ने कहा कि उसके साथ मौजूद 15 साल की उसकी बेटी का बलात्कार नहीं किया गया, लेकिन उसके कपड़े फाड़े गए। उन्होंने कहा कि महिला ने शनिवार को उन्हें फोन किया और रविवार को अपना बयान दर्ज कराया।
इसके साथ ही डीआईजी ने कहा कि उन्हें जो शिकायतें मिली हैं उनमें से ज्यादातर पुरुषों की हैं, जिन्होंने आंदोलनकारियों द्वारा उनके वाहनों को नुकसान पहुंचाने का दावा किया। इस बीच, हरियाणा सरकार ने जाट आंदोलन के दौरान हिंसा से प्रभावित 203 लोगों को 1.12 करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता को मंजूरी दी। हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि राशि सीधे दावाकर्ताओं के बैंक खातों में डाली जाएगी।
इससे पहले, ट्रक ड्राइवरों सहित कुछ स्थानीय लोगों ने दावा किया था कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों द्वारा महिलाओं को खेतों में घसीटते हुए देखा था। टीवी चैनलों ने कुछ स्थानों पर महिलाओं के अंत: वस्त्र पड़े दिखाए थे।
उधर मुख्यमंत्री ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस बीच आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित रोहतक के व्यापारी समुदाय ने कर राहत एवं बिजली बिल छूट की मांग की। डीआईजी राजश्री ने कहा, 'तीन ट्रक चालकों ने (मुरथल में) महिलाओं के यौन उत्पीड़न या बलात्कार की कोई घटना देखने की बात से इनकार किया है।' हालांकि ट्रक चालकों सुखविंदर, अब्दुल वाहिद और यदविंदर ने कहा कि आंदोलनकारियों ने उनके ट्रकों को आग लगा दी थी। (एजेंसी इनपुट के साथ)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं