प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट अब यह तय करेगा कि अगर किसी को एक से ज्यादा बार उम्रकैद की सजा मिली हो तो वह सजा समवर्ती (साथ-साथ) चलेगी या फिर एक के बाद एक। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने इस मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
...तो जीवन में उम्मीद ही खत्म हो जाएगी
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि एक इंसान को दो बार उम्र कैद की सजा कैसे दी जा सकती है। उम्र कैद का मतलब पूरा जीवन माना जाता है ऐसे में अगर एक जीवन खत्म होता है तो दूसरा शुरू होता है। ऐसे में दो बार उम्र कैद कैसे दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि जब फांसी की सजा दी जाती है तो दोषी की उम्मीद खत्म हो जाती है लेकिन उम्र कैद में उम्मीद बरकरार रहती है। जीवन उम्मीदों से भरा होता है, ऐसे में तो उम्मीद ही खत्म हो जाएगी। चीफ जस्टिस ने कहा कि दोषी को आठ बार उम्रकैद की सजा मिली है तो किया कुल मिलाकर वो 102 साल जेल में सजा काटेगा। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ उम्र कैद की सजा पाए एक दोषी की याचिका पर सुनवाई पूरी कर चुकी है। दोषी को अलग-अलग मामलों में उम्र कैद की सजा मिली है।
...तो जीवन में उम्मीद ही खत्म हो जाएगी
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि एक इंसान को दो बार उम्र कैद की सजा कैसे दी जा सकती है। उम्र कैद का मतलब पूरा जीवन माना जाता है ऐसे में अगर एक जीवन खत्म होता है तो दूसरा शुरू होता है। ऐसे में दो बार उम्र कैद कैसे दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि जब फांसी की सजा दी जाती है तो दोषी की उम्मीद खत्म हो जाती है लेकिन उम्र कैद में उम्मीद बरकरार रहती है। जीवन उम्मीदों से भरा होता है, ऐसे में तो उम्मीद ही खत्म हो जाएगी। चीफ जस्टिस ने कहा कि दोषी को आठ बार उम्रकैद की सजा मिली है तो किया कुल मिलाकर वो 102 साल जेल में सजा काटेगा। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ उम्र कैद की सजा पाए एक दोषी की याचिका पर सुनवाई पूरी कर चुकी है। दोषी को अलग-अलग मामलों में उम्र कैद की सजा मिली है।
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