पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम (P Chidambaram) ने केजरीवाल सरकार के उस फैसले पर सवाल उठाया है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का इलाज होगा. चिदंबरम ने दिल्ली सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि क्या केजरीवाल ने यह घोषणा करने से पहले कोई कानूनी राय ली है? चिदंबरम ने सोमवार को ट्वीट किया, 'केजरीवाल कहते हैं कि दिल्ली के अस्पताल केवल दिल्लीवासियों के लिए हैं. क्या वह हमें बताएंगे कि दिल्लीवासी कौन हैं? अगर मैं दिल्ली में रहता हूं या काम करता हूं, तो क्या मैं एक दिल्लीवासी हूं?
Mr. Kejriwal says Delhi hospitals are only for Delhiites. Will he please tell us who is a Delhiite?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 8, 2020
If I live or work in Delhi, am I a Delhiite?
उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा, 'मैं सोचता था कि अगर एक इंसान का नाम जन आरोग्य योजना/ आयुष्मान भारत में दर्ज है, तो वह इसके तहत आने वाले किसी भी हॉस्पिटल, चाहे वह सरकारी या हो या प्राइवेट, देश में कहीं भी वह अपना इलाज करा सकता है? क्या मिस्टर केजरीवाल ने अपनी घोषणा से पहले इस पर कानूनी सलाह भी ली थी?
बता दें कि दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच दिल्ली कैबिनेट ने रविवार को फैसला लिया था कि दिल्ली सरकार के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में केवल दिल्ली के निवासियों का इलाज होगा, जबकि केंद्र सरकार के अस्पतालों में सभी का इलाज होगा. अरविंद केजरीवाल ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसी के साथ इसी के साथ दिल्ली से बाहर के सभी लोगों के लिए बॉर्डर खोल दिए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि दिल्ली में बढ़ते मामलों के चलते फैसले लिया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अस्पतालों में देश भर के लोगों के इलाज हो सकेंगे. अरविंद केजरीवाल के अनुसार दिल्ली में जून के आखिरी तक 15 हजार बेड की जरूरत होगी, जबकि हमारे पास सिर्फ 10 हजार बेड हैं. ऐसे में अस्पतालों को सबके लिए खोला जाना संभव नहीं होगा.
VIDEO: दिल्ली के अस्पताल दिल्लीवालों के लिए : CM अरविंद केजरीवाल
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