अकबर रोड का नाम महाराणा प्रताप के नाम पर रखने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा है कि देश को निर्णय करना है कि वह उन लोगों पर गर्व करता है जिन लोगों ने‘‘गुलाम बनाया’’या उन लोगों पर गर्व करना है जिन्होंने गुलाम बनाने वालों के खिलाफ लड़ाई की।
हालांकि सरकार ने उनकी अनुशंसा को वस्तुत: नकार दिया लेकिन उन्होंने फेसबुक पर लंबा पोस्ट लिखकर कहा कि देश को अगर आगे बढ़ना है तो इसे ‘‘बांटो और राज करो’’ तथा ‘‘तुष्टिकरण’’की नीतियों को नकारना होगा।
मुगल शासकों और अंग्रेजों की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने भी मुस्लिम शासकों की तरह शासन किया। उन्होंने कहा कि अगर इस तर्क पर चलें तो रॉबर्ट क्लाइव और लॉर्ड डलहौजी के नाम पर भी स्मारक बनाए जाएं।
पूर्व सेना प्रमुख सिंह ने कहा, ‘‘महाराणा प्रताप के नाम पर सड़क का नाम रखने का सुझाव देने के बाद मेरी काफी आलोचना हुई। हमारे स्वयंभू बुद्धिजीवियों ने कहा कि हमारे देश में अकबर बड़ा नाम है और हमें उनके खिलाफ नहीं बोलना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘...लेकिन हमें निर्णय करना होगा कि हमें किस पर गर्व है, उन लोगों पर जिन्होंने हमें गुलाम बनाए रखा या उन लोगों पर जो उनसे लड़े। हम बेगम हजरत महल को महत्व नहीं देना चाहते, महाराणा प्रताप के पठान सैनिकों की उपेक्षा करते हैं और अपनी महत्वपूर्ण सड़कों का नाम महान शहीद भगत सिंह के नाम पर नहीं रखते।’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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