कौन हैं आतंकियों के साथ पकड़े गए DSP दविंदर सिंह, जानिए 5 बातें

डीएसपी दविंदर सिंह (DSP Davinder Singh) से 'शेर-ए-कश्मीर' मेडल वापस ले लिया गया है. इसके संबंध में जम्मू कश्मीर प्रशासन ने नोटिस जारी किया है.

कौन हैं आतंकियों के साथ पकड़े गए DSP दविंदर सिंह, जानिए 5 बातें

दविंदर सिंह के आवास से दो पिस्तौल, एक एके राइफल और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया.

नई दिल्‍ली: जम्मू कश्मीर के निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह (DSP Davinder Singh) को दिया गया 'शेर-ए-कश्मीर' (Sher-e-Kashmir) का पदक छीन लिया गया है. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) सरकार ने आदेश जारी कर ये पदक वापस ले लिया है. सरकारी आदेश के अनुसार, निलंबित अधिकारी का कदम विश्वासघात के बराबर है और उससे बल की छवि खराब हुई है. गिरफ्तारी के तत्काल बाद सिंह के आवास सहित विभिन्न जगहों पर पुलिस टीम भेजी गई थी. सिंह के आवास से दो पिस्तौल, एक एके राइफल और काफी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया. दविंदर सिंह के पकड़े जाने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं. सवाल यह कि क्‍या दविंदर सिंह का खालिस्‍तान समर्थकों के साथ भी कोई संबंध था? DSP दविंदर का सर्विस रिकॉर्ड दागदार होने पर भी सब आंख मूंदकर क्‍यों बैठे रहे? दविंदर को श्रीनगर एयरपोर्ट जैसी अहम जगह पर पोस्टिंग कैसे मिली हुई थी? दविंदर को प्रमोशन कैसे मिलता रहा? अगर दविंदर पकड़ा नहीं जाता तो इसी महीने के आखिर में एसपी के तौर पर प्रमोशन पा जाता. फिलहाल दविंदर सिंह (Davinder Singh) से पूछताछ जारी है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA को मामले की जांच का जिम्मा सौंप दिया गया है. बीते शनिवार को दविंदर सिंह को जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकवादियों के साथ एक कार में गिरफ्तार किया गया था.

डीएसपी दविंदर सिंह से जुड़ी 5 बातें..

  1. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल के रहने वाले दविंदर सिंह की उम्र 57 साल है. उनके परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है.

  2. दविंदर सिंह 1990 में जम्मू-कश्मीर में बतौर सब-इंस्पेक्टर शामिल हुए. पुलिस में भर्ती होने के महज 6 साल के भीतर उन्हें आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) में शामिल कर लिया गया था.

  3. दविंदर ने 14 साल तक एसओजी में काम किया और इस दौरान उन्होंने कई ऑपरेशंस में हिस्सा लिया. 1997 में उन्हें प्रमोशन देकर सब-इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर बना दिया गया.

  4. 2018 में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने पर दविंदर को 'शेर-ए-कश्मीर गैलेंट्री' अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. पुलिस में आने के बाद से ही दविंदर पर कई बार गैरकानूनी काम करने के आरोप लगे. दविंदर कई दफा पुलिस की नजर में आए, लेकिन हर बार आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने के रिकॉर्ड ने उन्हें बचा लिया.

  5. 2001 में संसद पर हुए हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु ने अपने वकील को लिखी चिट्ठी में लिखा था कि दविंदर ने उसे हिरासत में लेकर काफी यातनाएं दी थीं. दविंदर के कहने पर ही उसने मोहम्मद नाम के एक आदमी को दिल्ली पहुंचाया और वहां उसके रहने का इंतजाम भी किया. बाद में पता चला था कि मोहम्मद भी संसद हमले में शामिल आतंकवादियों में से एक था.