ओवैसी और एमजे अकबर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
लोकसभा में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा पेश मुस्लिम महिला बिल यानी ट्रिपल तलाक बिल को ध्वनिमत से पास कर दिया गया है. हालांकि, इस बिल को पास करने से पहले सदन में काफी गहमागहमी देखने को मिली. एक तरफ जहां सरकार इस बिल को बिना किसी संशोधन के पास कराने के लिए अड़ी थी, वहीं कांग्रेस इसे स्टैंडिंग कमेटी को भेजना चाहती थी. तीन तलाक संबंधी विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर और एआईएमआईएम के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बीच काफी तीखी नोकझोंक देखने को मिली.
यह भी पढ़ें - जानिये ट्रिपल तलाक बिल पर भाजपा के इन दिग्गज मुस्लिम सांसदों की राय...
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017 पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए एमजे अकबर ने शाह बानो प्रकरण का हवाला दिया तो ओवैसी ने उनरो उसी दौरान उनको टोका और कहा कि उस वक्त आपने उस कानून (राजीव गांधी के समय) को पारित कराया था.
इस पर अकबर ने कहा कि मेरे दोस्त को शायद यह पता नहीं है कि वह 1989 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. उनके इस कथन पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाया.
यह भी पढ़ें - लोकसभा में तीन तलाक बिल ध्वनिमत से पास, बिल के खिलाफ सभी संशोधन नामंजूर
गौरतलब है कि शाह बानो प्रकरण 1985 का है, जिसमें शाह बानो को उसके पति ने तलाक दे दिया था और उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में पीड़िता के लिए मासिक गुजारा भत्ते का आदेश दिया. इस आदेश के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कुछ मुस्लिम संगठनों ने आंदोलन किया, जिसके बाद राजीव गांधी की सरकार इसके खिलाफ कानून लेकर आई.
VIDEO : रविशंकर प्रसाद बोले, आज हम इतिहास बना रहे हैं
यह भी पढ़ें - जानिये ट्रिपल तलाक बिल पर भाजपा के इन दिग्गज मुस्लिम सांसदों की राय...
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017 पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए एमजे अकबर ने शाह बानो प्रकरण का हवाला दिया तो ओवैसी ने उनरो उसी दौरान उनको टोका और कहा कि उस वक्त आपने उस कानून (राजीव गांधी के समय) को पारित कराया था.
इस पर अकबर ने कहा कि मेरे दोस्त को शायद यह पता नहीं है कि वह 1989 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. उनके इस कथन पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाया.
यह भी पढ़ें - लोकसभा में तीन तलाक बिल ध्वनिमत से पास, बिल के खिलाफ सभी संशोधन नामंजूर
गौरतलब है कि शाह बानो प्रकरण 1985 का है, जिसमें शाह बानो को उसके पति ने तलाक दे दिया था और उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में पीड़िता के लिए मासिक गुजारा भत्ते का आदेश दिया. इस आदेश के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कुछ मुस्लिम संगठनों ने आंदोलन किया, जिसके बाद राजीव गांधी की सरकार इसके खिलाफ कानून लेकर आई.
VIDEO : रविशंकर प्रसाद बोले, आज हम इतिहास बना रहे हैं
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं