साल 2018 में जब पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा लिया तो कांग्रेस में हलचल मच गई. कई नेताओं जैसे पी. चिदंबरम, केके तिवारी, सलमान खुर्शीद ने प्रणब मुखर्जी से वहां न जाने की अपील की. वैचारिक रूप से एकदम अलग आरएसएस के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी जी जैसे कांग्रेसी नेता का जाना अपने आप में एक अद्भुत घटना थी. अब सबकी नजरें इस बात पर थीं कि प्रणब मुखर्जी वहां आरएसएस के कार्यक्रम में वहां क्या बोलेंगे. प्रणब मुखर्जी ने नागपुर जाकर आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार को भारत का मां बेटा बताया. उनके इस बयान पर आलोचना भी हुई. अपने भाषण में प्रणब मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्र की आत्मा बहुलवाद और पंथनिरपेक्षवाद में बसती है. प्रणब मुखर्जी ने प्रतिस्पर्धी हितों में संतुलन बनाने के लिए बातचीत का मार्ग अपनाने की जरूरत बताई. उन्होंने साफतौर पर कहा कि घृणा से राष्ट्रवाद कमजोर होता है और असहिष्णुता से राष्ट्र की पहचान क्षीण पड़ जाएगी.
See, this is exactly what I was fearing & warned my father about. Not even few hours have passed, but BJP/RSS dirty tricks dept is at work in full swing! https://t.co/dII3nBSxb6
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) June 7, 2018
इस कार्यक्रम के समापन से पहले संघ की प्रार्थना हुई जिसमें प्रणब मुखर्जी सामान्य मुद्रा में खड़े रहे. लेकिन उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई जिसमें वह संघ के स्वयंसेवकों की तरह प्रार्थना करते नजर आए. यह तस्वीर फोटोशॉप से बनाई गई थी. इस तस्वीर को देख उनकी बेटी और कांग्रेस की नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी काफी आहत और नाराज हुईं. उन्होंने कहा कि जिस बात का उन्हें डर था और अपने पिता को जिस बारे में उन्होंने आगाह किया था, वही हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि जिसका डर था, भाजपा/आरएसएस के 'डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट' ने वही किया.
कांग्रेस के दूसरे नेताओं की तरह ही शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी उन्हें आरएसएस के कार्यक्रम में जाने से मना किया था. लेकिन पूर्व राष्ट्रपति अपने धुन के पक्के थे और उन्होंने वहां जाने के लिए ठान लिया था. कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा था कि वरिष्ठ नेता और विचारक प्रणब मुखर्जी की आरएसएस मुख्यालय में तस्वीरों से कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता और भारतीय गणराज्य के बहुलवाद, विविधता एवं बुनियादी मूल्यों में विश्वास करने वाले लोग दुखी हैं.'
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