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क्या हुआ था उस दिन, कैसे सोनिया गांधी ने अचानक मनमोहन सिंह को PM बनाया, जानिए पूरा किस्सा
- Friday December 27, 2024
Manmohan Singh Death: मनमोहन सिंह खुद को एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर और फाइनेंस मिनिस्टर कहते थे. हालांकि, दोनों ही पदों पर उनके किए काम भारत हमेशा याद रखेगा. जानिए, कैसे बने थे वो पीएम...
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इस कारण मेरे पिता को राजीव गांधी ने कैबिनेट में शामिल नहीं किया, शर्मिष्ठा मुखर्जी का बड़ा दावा
- Tuesday December 12, 2023
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि उनके पिता को लगता था कि "किसी के आगे न झुकने" के रवैये के कारण उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया.
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प्रणब दा ने आखिरी किताब में PM मोदी को दी सलाह : असहमति की आवाज भी सुननी चाहिए
- Wednesday January 6, 2021
पुस्तक में उन्होंने कहा है, ‘अपना दूसरा कार्यकाल संभाल रहे प्रधानमंत्री मोदी को अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों से प्रेरणा लेनी चाहिए और संसद में उपस्थिति बढ़ाते हुए एक नजर आने वाला नेतृत्व देना चाहिए'
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अंतिम सफर पर निकले प्रणब दा, हमेशा याद आएगी उनकी एक तस्वीर
- Tuesday September 1, 2020
भारत रत्न, पूर्व राष्ट्रपति और कई बार देश के वित्त मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. थोड़ी देर पहले ही उनके पार्थिव शरीर को लोधी रोड स्थित श्मशान घाट पर पहुंचा गया है. प्रणब दा जब अंतिम सफर हैं तो उनकी एक तस्वीर हमेशा याद आएगी जिसमें वह बजट पेश करने से पहले हमेशा अपनी टीम के साथ एक फोटो खिंचाते हैं. देश की एक पूरी पीढ़ी ने देखा है. कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले मुखर्जी ने कई प्रधानमंत्रियों का साथ काम किया है. उनके बारे में कहा जाता है कि प्रणब मुखर्जी एक ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं जो भारत को कभी नहीं मिले. कहा जाता है कि उनके मन में हमेशा एक टीस रही कि वह देश के प्रधानमंत्री नहीं बन पाए. वह देश के 13वें राष्ट्रपति बने. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खास लोगों में से एक रहे कांग्रेस की सरकारों में कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं, जिनमें वित्त मंत्रालय सहित कई अहम पद शामिल हैं. उनका संसदीय करियर करीब पांच दशक पुराना था.
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प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने उस दिन क्यों कहा था- जिसका डर था, वही हुआ
- Tuesday September 1, 2020
साल 2018 में जब पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा लिया तो कांग्रेस में हलचल मच गई. कई नेताओं जैसे पी. चिदंबरम, केके तिवारी, सलमान खुर्शीद ने प्रणब मुखर्जी से वहां न जाने की अपील की. वैचारिक रूप से एकदम अलग आरएसएस के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी जी जैसे कांग्रेसी नेता का जाना अपने आप में एक अद्भुत घटना थी. अब सबकी नजरें इस बात पर थीं कि प्रणब मुखर्जी वहां आरएसएस के कार्यक्रम में वहां क्या बोलेंगे. प्रणब मुखर्जी ने नागपुर जाकर आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार को भारत का मां बेटा बताया. उनके इस बयान पर आलोचना भी हुई. अपने भाषण में प्रणब मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्र की आत्मा बहुलवाद और पंथनिरपेक्षवाद में बसती है. प्रणब मुखर्जी ने प्रतिस्पर्धी हितों में संतुलन बनाने के लिए बातचीत का मार्ग अपनाने की जरूरत बताई. उन्होंने साफतौर पर कहा कि घृणा से राष्ट्रवाद कमजोर होता है और असहिष्णुता से राष्ट्र की पहचान क्षीण पड़ जाएगी.
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नेहरू-मनमोहन को हर बात पर दोष देने वालों को प्रणब मुखर्जी ने बीते साल दी थी तगड़ी नसीहत
- Tuesday September 1, 2020
बीजेपी नेता अक्सर हर बात पर पिछली कांग्रेस की सरकारों को दोष देते रहते हैं. लेकिन बीते साल ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी ने तगड़ी नसीहत दी थी. उन्होंने कहा कि जो लोग कांग्रेस के 55 सालों के शासनकाल की हमेशा आलोचना करते रहे हैं वो यह भूल जाते हैं कि आजादी के समय देश कहां था और अब कितना आगे जा चुका है. हालांकि डॉ. प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इसमें कांग्रेस के अलावा अन्य लोगों का भी योगदान था. लेकिन आधुनिक भारत की नींव हमारे उन संस्थापकों ने रखी थी, जिन्हें योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था में मज़बूती से भरोसा था, जबकि आज ऐसा नहीं है,
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वो कौन सी बात थी जिससे सोनिया गांधी नाराज हो गई थीं प्रणब मुखर्जी से
- Tuesday September 1, 2020
पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि देना का सिलसिला जारी है. हालांकि कोरोना वायरस की वजह से कई तरह के प्रतिबंध लागू हैं. आज ही प्रणब मुखर्जी को पंचतत्व में विलीन कर दिया जाएगा. देश में 7 दिन के राष्ट्रीय शोक का भी ऐलान किया गया है. कांग्रेस के संकटमोचक रहे प्रणब मुखर्जी बीच-बीच में पार्टी को झटका देते भी रहते थे. पार्टी नेताओं के विरोध के बावजूद भी वह नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंच गए. राजीव गांधी से उनके मतभेद भी हुए थे. हालांकि कई विरोधाभाषों के बाद भी कांग्रेस में उनकी हैसियत कम नहीं हुई. एक बार लोकसभा में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था कि वह सोचते हैं कि अगर प्रणब दा नहीं होते तो यूपीए सरकार का क्या होता. प्रणब मुखर्जी ने अपनी डायरियां भी लिखते थे और उन्होंने कहा था कि इन डायरियों को उनके न रहने पर ही प्रकाशित की जाएं.
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अलविदा प्रणब दा : पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
- Tuesday September 1, 2020
भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का 84 साल की उम्र में सोमवार की शाम निधन हो गया था. मंगलवार को उनका राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार (State Funeral) कर दिया गया. उन्हें सैन्य विदाई (military honours) दी गई.. पूर्व राष्ट्रपति की इसी महीने ब्रेन सर्जरी हुई थी.
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जब एलके आडवाणी की मांग पर प्रणब मुखर्जी ने कालेधन पर संसद में किया था बड़ा ऐलान
- Tuesday September 1, 2020
पूर्व राष्ट्रपति और 7 बार भारत के वित्त मंत्री रहे डॉ. प्रणब मुखर्जी का सोमवार की शाम को निधन हो गया है. 84 साल के डॉ. मुखर्जी भारतीय राजनीति में कांग्रेस के करिश्माई चाणक्य कहे जाते थे. वह काफी समय बीमार थे और उनका दिल्ली के आर्मी अस्पताल में इलाज चल रहा था. प्रणब मुखर्जी का ज्यादातर समय सत्ता पक्ष में बीता है और उनको कांग्रेस का संकटमोचक कहा जाता था. विदेश नीति से लेकर वित्त मंत्रालय तक उनकी गहरी पैठ थी.
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केंद्र ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर की 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा
- Monday August 31, 2020
केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति (Former President) प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) के निधन पर 7 दिन के राजकीय शोक (State Mourning) की घोषणा की है. कई दिनों से अस्पताल में भर्ती प्रणब मुखर्जी का सोमवार को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया.
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इरफान खान के निधन पर Pranab Mukherjee ने शेयर की थी यह फोटो, और कही थी यह बात
- Monday August 31, 2020
इरफान खान (Irrfan Khan) के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया था, 'श्री इरफान खान की त्रासदपूर्ण और असमय निधन को लेकर मेरी संवेदनाएं. हम सब यही चाहते थे कि वह वह बीमारी को सफलतापूर्वक मात दें, उनके जाने से सिनेमा और परफॉर्मिंग आर्ट की दुनिया की भारी क्षति हुई है. मैंने 2013 में उन्हें 'पान सिंह तोमर' फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा था.'
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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 वर्ष की उम्र में निधन
- Monday August 31, 2020
पूर्व राष्ट्रपति (Former President) प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी (Abhijit Mukherjee) ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. सेना के अनुसंधान एवं रेफरल अस्पताल में भर्ती मुखर्जी की हालत सोमवार को और बिगड़ गई थी. अस्पताल ने बताया था कि मुखर्जी का स्वास्थ्य सोमवार को और खराब हो गया गिरावट दर्ज की गई क्योंकि उन्हें फेफड़े में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक लगा है.
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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तबीयत हुई और खराब, फेफड़ों में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक की स्थिति में - सेना अस्पताल
- Monday August 31, 2020
देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) की तबीयत और बिगड़ गई है. वह दिल्ली स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती हैं. अस्पताल की ओर से बताया गया है कि फेफड़ों में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक की स्थिति पैदा हो गई है.
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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सेहत में गिरावट, फेफड़ों में संक्रमण के लक्षण दिखे : सेना अस्पताल
- Wednesday August 19, 2020
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सेहत में बीते दिनों सुधार देखे जाने के बाद बुधवार को फिर उनकी हालत में चिंताजनक गिरावट आई है. अस्पताल की ओर से जानकारी आई है कि उनके फेफड़ों में संक्रमण के लक्षण दिखे हैं.
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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत और बिगड़ी, अब भी वेंटिलेटर पर : अस्पताल
- Tuesday August 11, 2020
Pranab Mukherjee Health: आर्मी अस्पताल में बयान में कहा, "ब्रेन क्लॉट के लिए 10 अगस्त 2020 को पूर्व राष्ट्रपति की इमरजेंसी सर्जरी की गई. उनकी हालत में कोई सुधार नहीं दिख रहा है. उनका स्वास्थ्य और खराब हो गया है. वह अब भी वेंटिलेटर पर हैं."
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क्या हुआ था उस दिन, कैसे सोनिया गांधी ने अचानक मनमोहन सिंह को PM बनाया, जानिए पूरा किस्सा
- Friday December 27, 2024
Manmohan Singh Death: मनमोहन सिंह खुद को एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर और फाइनेंस मिनिस्टर कहते थे. हालांकि, दोनों ही पदों पर उनके किए काम भारत हमेशा याद रखेगा. जानिए, कैसे बने थे वो पीएम...
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इस कारण मेरे पिता को राजीव गांधी ने कैबिनेट में शामिल नहीं किया, शर्मिष्ठा मुखर्जी का बड़ा दावा
- Tuesday December 12, 2023
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि उनके पिता को लगता था कि "किसी के आगे न झुकने" के रवैये के कारण उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया.
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प्रणब दा ने आखिरी किताब में PM मोदी को दी सलाह : असहमति की आवाज भी सुननी चाहिए
- Wednesday January 6, 2021
पुस्तक में उन्होंने कहा है, ‘अपना दूसरा कार्यकाल संभाल रहे प्रधानमंत्री मोदी को अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों से प्रेरणा लेनी चाहिए और संसद में उपस्थिति बढ़ाते हुए एक नजर आने वाला नेतृत्व देना चाहिए'
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अंतिम सफर पर निकले प्रणब दा, हमेशा याद आएगी उनकी एक तस्वीर
- Tuesday September 1, 2020
भारत रत्न, पूर्व राष्ट्रपति और कई बार देश के वित्त मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. थोड़ी देर पहले ही उनके पार्थिव शरीर को लोधी रोड स्थित श्मशान घाट पर पहुंचा गया है. प्रणब दा जब अंतिम सफर हैं तो उनकी एक तस्वीर हमेशा याद आएगी जिसमें वह बजट पेश करने से पहले हमेशा अपनी टीम के साथ एक फोटो खिंचाते हैं. देश की एक पूरी पीढ़ी ने देखा है. कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले मुखर्जी ने कई प्रधानमंत्रियों का साथ काम किया है. उनके बारे में कहा जाता है कि प्रणब मुखर्जी एक ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं जो भारत को कभी नहीं मिले. कहा जाता है कि उनके मन में हमेशा एक टीस रही कि वह देश के प्रधानमंत्री नहीं बन पाए. वह देश के 13वें राष्ट्रपति बने. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खास लोगों में से एक रहे कांग्रेस की सरकारों में कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं, जिनमें वित्त मंत्रालय सहित कई अहम पद शामिल हैं. उनका संसदीय करियर करीब पांच दशक पुराना था.
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प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने उस दिन क्यों कहा था- जिसका डर था, वही हुआ
- Tuesday September 1, 2020
साल 2018 में जब पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा लिया तो कांग्रेस में हलचल मच गई. कई नेताओं जैसे पी. चिदंबरम, केके तिवारी, सलमान खुर्शीद ने प्रणब मुखर्जी से वहां न जाने की अपील की. वैचारिक रूप से एकदम अलग आरएसएस के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी जी जैसे कांग्रेसी नेता का जाना अपने आप में एक अद्भुत घटना थी. अब सबकी नजरें इस बात पर थीं कि प्रणब मुखर्जी वहां आरएसएस के कार्यक्रम में वहां क्या बोलेंगे. प्रणब मुखर्जी ने नागपुर जाकर आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार को भारत का मां बेटा बताया. उनके इस बयान पर आलोचना भी हुई. अपने भाषण में प्रणब मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्र की आत्मा बहुलवाद और पंथनिरपेक्षवाद में बसती है. प्रणब मुखर्जी ने प्रतिस्पर्धी हितों में संतुलन बनाने के लिए बातचीत का मार्ग अपनाने की जरूरत बताई. उन्होंने साफतौर पर कहा कि घृणा से राष्ट्रवाद कमजोर होता है और असहिष्णुता से राष्ट्र की पहचान क्षीण पड़ जाएगी.
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नेहरू-मनमोहन को हर बात पर दोष देने वालों को प्रणब मुखर्जी ने बीते साल दी थी तगड़ी नसीहत
- Tuesday September 1, 2020
बीजेपी नेता अक्सर हर बात पर पिछली कांग्रेस की सरकारों को दोष देते रहते हैं. लेकिन बीते साल ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी ने तगड़ी नसीहत दी थी. उन्होंने कहा कि जो लोग कांग्रेस के 55 सालों के शासनकाल की हमेशा आलोचना करते रहे हैं वो यह भूल जाते हैं कि आजादी के समय देश कहां था और अब कितना आगे जा चुका है. हालांकि डॉ. प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इसमें कांग्रेस के अलावा अन्य लोगों का भी योगदान था. लेकिन आधुनिक भारत की नींव हमारे उन संस्थापकों ने रखी थी, जिन्हें योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था में मज़बूती से भरोसा था, जबकि आज ऐसा नहीं है,
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वो कौन सी बात थी जिससे सोनिया गांधी नाराज हो गई थीं प्रणब मुखर्जी से
- Tuesday September 1, 2020
पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि देना का सिलसिला जारी है. हालांकि कोरोना वायरस की वजह से कई तरह के प्रतिबंध लागू हैं. आज ही प्रणब मुखर्जी को पंचतत्व में विलीन कर दिया जाएगा. देश में 7 दिन के राष्ट्रीय शोक का भी ऐलान किया गया है. कांग्रेस के संकटमोचक रहे प्रणब मुखर्जी बीच-बीच में पार्टी को झटका देते भी रहते थे. पार्टी नेताओं के विरोध के बावजूद भी वह नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंच गए. राजीव गांधी से उनके मतभेद भी हुए थे. हालांकि कई विरोधाभाषों के बाद भी कांग्रेस में उनकी हैसियत कम नहीं हुई. एक बार लोकसभा में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था कि वह सोचते हैं कि अगर प्रणब दा नहीं होते तो यूपीए सरकार का क्या होता. प्रणब मुखर्जी ने अपनी डायरियां भी लिखते थे और उन्होंने कहा था कि इन डायरियों को उनके न रहने पर ही प्रकाशित की जाएं.
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अलविदा प्रणब दा : पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
- Tuesday September 1, 2020
भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का 84 साल की उम्र में सोमवार की शाम निधन हो गया था. मंगलवार को उनका राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार (State Funeral) कर दिया गया. उन्हें सैन्य विदाई (military honours) दी गई.. पूर्व राष्ट्रपति की इसी महीने ब्रेन सर्जरी हुई थी.
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जब एलके आडवाणी की मांग पर प्रणब मुखर्जी ने कालेधन पर संसद में किया था बड़ा ऐलान
- Tuesday September 1, 2020
पूर्व राष्ट्रपति और 7 बार भारत के वित्त मंत्री रहे डॉ. प्रणब मुखर्जी का सोमवार की शाम को निधन हो गया है. 84 साल के डॉ. मुखर्जी भारतीय राजनीति में कांग्रेस के करिश्माई चाणक्य कहे जाते थे. वह काफी समय बीमार थे और उनका दिल्ली के आर्मी अस्पताल में इलाज चल रहा था. प्रणब मुखर्जी का ज्यादातर समय सत्ता पक्ष में बीता है और उनको कांग्रेस का संकटमोचक कहा जाता था. विदेश नीति से लेकर वित्त मंत्रालय तक उनकी गहरी पैठ थी.
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केंद्र ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर की 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा
- Monday August 31, 2020
केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति (Former President) प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) के निधन पर 7 दिन के राजकीय शोक (State Mourning) की घोषणा की है. कई दिनों से अस्पताल में भर्ती प्रणब मुखर्जी का सोमवार को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया.
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इरफान खान के निधन पर Pranab Mukherjee ने शेयर की थी यह फोटो, और कही थी यह बात
- Monday August 31, 2020
इरफान खान (Irrfan Khan) के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया था, 'श्री इरफान खान की त्रासदपूर्ण और असमय निधन को लेकर मेरी संवेदनाएं. हम सब यही चाहते थे कि वह वह बीमारी को सफलतापूर्वक मात दें, उनके जाने से सिनेमा और परफॉर्मिंग आर्ट की दुनिया की भारी क्षति हुई है. मैंने 2013 में उन्हें 'पान सिंह तोमर' फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा था.'
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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 वर्ष की उम्र में निधन
- Monday August 31, 2020
पूर्व राष्ट्रपति (Former President) प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी (Abhijit Mukherjee) ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. सेना के अनुसंधान एवं रेफरल अस्पताल में भर्ती मुखर्जी की हालत सोमवार को और बिगड़ गई थी. अस्पताल ने बताया था कि मुखर्जी का स्वास्थ्य सोमवार को और खराब हो गया गिरावट दर्ज की गई क्योंकि उन्हें फेफड़े में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक लगा है.
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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तबीयत हुई और खराब, फेफड़ों में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक की स्थिति में - सेना अस्पताल
- Monday August 31, 2020
देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) की तबीयत और बिगड़ गई है. वह दिल्ली स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती हैं. अस्पताल की ओर से बताया गया है कि फेफड़ों में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक की स्थिति पैदा हो गई है.
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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सेहत में गिरावट, फेफड़ों में संक्रमण के लक्षण दिखे : सेना अस्पताल
- Wednesday August 19, 2020
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सेहत में बीते दिनों सुधार देखे जाने के बाद बुधवार को फिर उनकी हालत में चिंताजनक गिरावट आई है. अस्पताल की ओर से जानकारी आई है कि उनके फेफड़ों में संक्रमण के लक्षण दिखे हैं.
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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत और बिगड़ी, अब भी वेंटिलेटर पर : अस्पताल
- Tuesday August 11, 2020
Pranab Mukherjee Health: आर्मी अस्पताल में बयान में कहा, "ब्रेन क्लॉट के लिए 10 अगस्त 2020 को पूर्व राष्ट्रपति की इमरजेंसी सर्जरी की गई. उनकी हालत में कोई सुधार नहीं दिख रहा है. उनका स्वास्थ्य और खराब हो गया है. वह अब भी वेंटिलेटर पर हैं."
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