विज्ञापन
This Article is From Aug 16, 2018

इस वजह से अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी के बारे में कही थी यह बात

अटल बिहारी वाजपेयी ने विपक्ष के नेता के तौर पर एक कदम आगे जाते हुए इंदिरा गांधी की थी तारीफ.

इस वजह से अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी के बारे में कही थी यह बात
अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी को बताया था यह
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति में प्रवेश के बाद से ही अपने भाषणों के लिए खासे प्रचलित थे. इन भाषणों में से ही एक भाषण उन्होंने वर्ष 1971 में संसद में दिया था. इसमें उन्होंने उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ की थी. साथ ही अपने भाषण के दौरान उन्होंने इंदिरा गांधी को  (कथित तौर पर) दुर्गा कहकर संबोधित भी किया था. अटल बिहारी वाजपेयी ने विपक्ष के नेता के तौर पर एक कदम आगे जाते हुए इंदिरा को 'दुर्गा' करार दिया. वाजपेयी ने यह शब्‍द इंदिरा के लिए उस समय प्रयोग किए जब भारत को पाकिस्‍तान पर 1971 की लड़ाई में एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई थी.

ये हैं अटल बिहारी वाजपेयी के वे 5 भाषण, जिनमें उन्होंने विपक्ष से लेकर अमेरिका तक को लगाई थी फटकार

गौरतलब है कि इस युद्ध में पाक के 90,368 सैनिकों और नागरिकों ने सरेंडर किया था. अटल बिहारी वाजपेयी ने सदन में कहा था कि जिस तरह से इंदिरा ने इस लड़ाई में अपनी भूमिका अदा की है, वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है. सदन में युद्ध पर बहस चल रही थी और वाजपेयी के मुताबिक हमें बहस को छोड़कर इंदिरा की भूमिका पर बात करनी चाहिए जो किसी दुर्गा से कम नहीं थी.इस बारे वाजपेयी ने एक इंटरव्यू में साफ कहा कि उन्होंने इंदिरा गांधी को दुर्गा नहीं कहा था. यह इंटरव्यू उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री दिया था.

...जब अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत रत्न लेने से कर दिया था इनकार

वाजपेयी ने इस बातचीत में कहा था कि उन्होंने इंदिरा गांधी के लिए दुर्गा उपमा का इस्तेमाल नहीं किया था. उन्होंने कहा था कि कही सुनी बातों के आधार पर यह खबर छाप दी गई थी. तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने इस इंटरव्यू में यह तक कहा था कि उन्होंने अगले दिन इस बात का खंडन भी अखबारों को भेजा था, लेकिन अखबारों ने कोने में खंडन छाप दिया था. इस बात का पत्रकार विजय त्रिवेदी की किताब में भी जिक्र मिलता है. वह लिखते हैं कि 1975 में इमरजेंसी का दौर चल रहा था. आडवाणी, अटल एक संसदीय समिति की बैठक में हिस्सा लेने बंगलुरु गए थे. वहीं गिरफ्तार कर लिए गए. वहां तमाम लोगों ने सलाह दी कि कोर्ट में बंदी हैबियस कॉर्पस दायर की जाए. 14 जुलाई 1975 को सुनवाई होनी थी. वाजपेयी की तबीयत खराब हो गई. अपेंडिसाइटिस का ऑपरेशन के लिए भर्ती हुए. चीरा लगा तो पता चला कि अपेंडिक्स तो ठीक है. बाद में एम्स में स्लिप डिस्क का इलाज किया गया.

VIDEO: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन

वाजपेयी और तीन नेताओं को एयरफोर्स के प्लेन से दिल्ली लाया गया. सब रोहतक जेल भेजे गए. वाजपेयी एम्स में भर्ती हो गए.  यहीं पर देवी प्रसाद त्रिपाठी उर्फ डीपीटी भी भर्ती थे. दोनों को प्राइवेट कमरे मिले थे. किताब में दावा किया गया है कि यहीं पर शाम को बैठक सजी थी जिसमें वाजपेयी ने डीपीटी से कहा, ‘इंदिरा ने अपने बाप नेहरू से कुछ नहीं सीखा. मुझे दुख है कि मैंने उन्हें दुर्गा कहा.’ये किस्सा मशहूर टीवी पत्रकार विजय त्रिवेदी ने अपनी किताब हार नहीं मानूंगा – एक अटल जीवन गाथा में वाजपेयी के एक दोस्त के हवाले से लिखा गया है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
जम्‍मू-कश्‍मीर चुनाव : पहले चरण में किस पार्टी में कितने करोड़पति उम्‍मीदवार? जानिए कितनी है औसत संपत्ति
इस वजह से अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी के बारे में कही थी यह बात
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Next Article
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com