युवाओं को लुभाने भर के लिए नहीं किया गया यूनिफॉर्म में बदलाव : आरएसएस

युवाओं को लुभाने भर के लिए नहीं किया गया यूनिफॉर्म में बदलाव : आरएसएस

प्रतीकात्मक फोटो

इंदौर:

 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक वरिष्ठ नेता ने इस बात को खारिज किया कि संघ की यूनिफॉर्म में खाकी निकर की जगह भूरे रंग की पतलून को शामिल करने का फैसला केवल इसलिये किया गया, ताकि युवाओं को इस संगठन की ओर आकर्षित किया जा सके।

संघ के मालवा प्रांत (इंदौर और उज्जैन संभाग) के प्रमुख प्रकाश शास्त्री ने संवाददाताओं से कहा, "यह बोलना उचित नहीं है कि संघ की यूनिफॉर्म में बदलाव केवल इसलिये किया गया, ताकि निकर पहनने में झिझक महसूस करने वाले युवाओं को हमारे संगठन की ओर आकर्षित किया जा सके।" उन्होंने कहा, "यह मानना ही गलत है कि संघ की यूनिफॉर्म में निकर की जगह पतलून शामिल करने भर से युवा संघ की ओर आकर्षित हो जायेंगे। संघ का काम निरंतर साधना से जुड़ा है। जब तक युवा संघ की विचारधारा को आत्मसात नहीं करेंगे, तब तक वे संघ के साथ लम्बे समय तक काम नहीं कर सकते।"

शास्त्री ने कहा, "संघ के यूनिफॉर्म में समय के मुताबिक लगातार बदलाव होते आये हैं। संघ के स्वयंसेवकों के सुझावों के आधार पर लम्बे चिंतन.मनन के बाद हमारी यूनिफॉर्म में खाकी निकर की जगह भूरे रंग की पतलून शामिल की गयी है।" इसके अलावा, वरिष्ठ संघ नेता ने एक सवाल पर कहा, "हमारा मानना है कि स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को पूरी तरह निजी हाथों में नहीं सौंपा जा सकता। लेकिन स्वास्थ्य और शिक्षा को सुलभ और सस्ता बनाने के लिये सरकार के साथ समाज को भी आगे आना चाहिये।" उन्होंने यह भी बताया कि इंदौर और उज्जैन संभाग में पिछले एक साल के दौरान संघ की 247 नई शाखाएं शुरू हुई हैं। फिलहाल दोनों संभागों में संघ की कुल 2,607 शाखाएं चल रही हैं। इनमें से करीब 80 प्रतिशत शाखाएं ग्रामीण क्षेत्रों में चलायी जा रही हैं।

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)