NDTV क्लीनाथॉन कार्यक्रम के दौरान आर्ट ऑफ लिविंग' के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर.
नई दिल्ली:
NDTV क्लीनाथॉन में आर्ट ऑफ लिविंग' के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमें हमें लोगों को प्लास्टिक जलाने से भी रोकना होगा. इसके साथ-साथ इसके पैदा होने वाले खतरे के प्रति आगाह करते हुए उन्हें शिक्षित भी करना होगा. यह काफी कैंसरस (कैंसर पैदा करने वाला) होता है.' कांर्यक्रम में कई नेता, अभिनेता के अलावा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी शिकरत की. श्री श्री रविशंकर ने कहा कि लोग कूड़ा जमा कर लेते हैं, प्लास्टिक जमा कर लेते हैं और आग लगा देते हैं. हमें लोगों को प्लास्टिक के जलने से उत्पन होने वाले धुंए से पैदा होने वाली बीमारियों के लिए भी लोगों को जागरूक करना होगा. लोगों को अपने आस-पास के गंदे नाले को साफ रखना चाहिए.
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कार्यक्रम में स्वामी चिदानंद सरस्वती ने भी शिरकत की. उन्होंने कहा कि, 'हम कुंभ के दौरान सभी धर्मगुरुओं से सैनिटेशन तथा सफाई को लेकर सर्वधर्म कार्यक्रम आयोजित करने का आग्रह करेंगे. उन्होंने कहा कि नदियों की स्थिति देखते हुए इस समय गंगा में स्नान करने से पहले हमें गंगा को स्नान कराना होगा. नदियों में कचरा न फेंकें, और यदि प्लास्टिक नदी में पड़ा मिले, तो उसे निकाल दें."
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कांर्यक्रम में वित्त मंत्री अरुण जेटली भी जुड़े. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 4 साल पहले जब स्वच्छता का कैंपेन शुरू हुआ था तो लोगों ने सोचा कि इसका भी अन्य कैंपेन की तरह हश्र होगा, लेकिन यह ''पिपल्स मूवमेंट'' बन गया है. ग्रामीण भारत में खासकर महिलाएं इसको आगे बढ़ा रही हैं. ऐसी खबरें भी आती हैं जहां टॉयलेट न होने पर लड़कियां शादी से इनकार कर देती हैं. उन्होंने कहा कि आज 92 फीसद ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता है. यह मास मूवमेंट से ही संभव हो सका है. अगर आप विकाशसील देश हैं तो सभी पहलुओं पर ध्यान देना होगा. खासकर पर्यावरण और हेल्थकेयर आदि पर.
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जेटली ने कहा कि आज जिस दिशा में देश बढ़ रहा है, साधनों की कमी नहीं होगी. पिछले कई वर्षों में अर्थव्यवस्था का औपचारीकण हुआ है. इससे टैक्स कलेक्शन बढ़ा है. नदियों को प्रदूषित करने में इंडस्ट्री की बड़ी भूमिका थी. अब उद्योग जगत में जागरूकता आई है. राज्य ओडीएफ मुक्त हुए हैं. इसमें उद्योगों की भी भूमिका है.
इससे पहले कैम्पेन के एम्बैसेडर अमिताभ बच्चन ने कहा कि 150 साल पहले एक महामानव पैदा हुए थें मोहन दास करमचंद गांधी. उन्होंने पीर पराई समझी और हम सबको एक लक्ष्य दिया जो भी करो उससे पहले देखो इस देश के सबसे कमजोर आदमी को फायदा होगा या नहीं. उन्होंने देश को एक सूत्र दिया और हमें आजादी दिलाई. भारत ने कई सपने पूरे किए, लेकिन एक सपना अभी भी बचा हुआ है वो है स्वच्छ भारत का सपना. गांधी जी के लिए स्वच्छता एक चरखे की तरह आजादी की लड़ाई का एक हथियार था.
VIDEO : प्लास्टिक जलाने वालों को भी शिक्षित करना होगा
2014 में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने महात्मा गांधी की स्मृति में स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया और देशवासियों से अपील की कि वो देश को स्वच्छ रखें. तब से अब तक सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 8.5 करोड़ शौचालय बन चुके हैं. 21 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं. इस सफाई का सबसे बड़ा फायदा छोटे-छोटे बच्चों को जो अब डायरिया और गंदगी से होने वाली बीमारी से पहले की तरह दम नहीं तोड़ते हैं.
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कार्यक्रम में स्वामी चिदानंद सरस्वती ने भी शिरकत की. उन्होंने कहा कि, 'हम कुंभ के दौरान सभी धर्मगुरुओं से सैनिटेशन तथा सफाई को लेकर सर्वधर्म कार्यक्रम आयोजित करने का आग्रह करेंगे. उन्होंने कहा कि नदियों की स्थिति देखते हुए इस समय गंगा में स्नान करने से पहले हमें गंगा को स्नान कराना होगा. नदियों में कचरा न फेंकें, और यदि प्लास्टिक नदी में पड़ा मिले, तो उसे निकाल दें."
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इससे पहले कैम्पेन के एम्बैसेडर अमिताभ बच्चन ने कहा कि 150 साल पहले एक महामानव पैदा हुए थें मोहन दास करमचंद गांधी. उन्होंने पीर पराई समझी और हम सबको एक लक्ष्य दिया जो भी करो उससे पहले देखो इस देश के सबसे कमजोर आदमी को फायदा होगा या नहीं. उन्होंने देश को एक सूत्र दिया और हमें आजादी दिलाई. भारत ने कई सपने पूरे किए, लेकिन एक सपना अभी भी बचा हुआ है वो है स्वच्छ भारत का सपना. गांधी जी के लिए स्वच्छता एक चरखे की तरह आजादी की लड़ाई का एक हथियार था.
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2014 में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने महात्मा गांधी की स्मृति में स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया और देशवासियों से अपील की कि वो देश को स्वच्छ रखें. तब से अब तक सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 8.5 करोड़ शौचालय बन चुके हैं. 21 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं. इस सफाई का सबसे बड़ा फायदा छोटे-छोटे बच्चों को जो अब डायरिया और गंदगी से होने वाली बीमारी से पहले की तरह दम नहीं तोड़ते हैं.
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