NDTV क्लीनाथॉन में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 4 साल पहले जब स्वच्छता का कैंपेन शुरू हुआ था तो लोगों ने सोचा कि इसका भी अन्य कैंपेन की तरह हश्र होगा, लेकिन यह ''पिपल्स मूवमेंट'' बन गया है. ग्रामीण भारत में खासकर महिलाएं इसको आगे बढ़ा रही हैं. ऐसी खबरें भी आती हैं जहां टॉयलेट न होने पर लड़कियां शादी से इनकार कर देती हैं. उन्होंने कहा कि आज 92 फीसद ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता है. यह मास मूवमेंट से ही संभव हो सका है. अगर आप विकाशसील देश हैं तो सभी पहलुओं पर ध्यान देना होगा. खासकर पर्यावरण और हेल्थकेयर आदि पर.
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जेटली ने कहा कि आज जिस दिशा में देश बढ़ रहा है, साधनों की कमी नहीं होगी. पिछले कई वर्षों में अर्थव्यवस्था का औपचारीकण हुआ है. इससे टैक्स कलेक्शन बढ़ा है. नदियों को प्रदूषित करने में इंडस्ट्री की बड़ी भूमिका थी. अब उद्योग जगत में जागरूकता आई है. राज्य अोडीएफ मुक्त हुए हैं. इसमें उद्योगों की भी भूमिका है. दूसरी तरफ, क्लीनाथॉन में किरण रिजिजू ने कहा कि स्वच्छता सभी के जीवन का हिस्सा होना चाहिए. यह वन टाइम कैंपेन नहीं है. इसके लिए सतत प्रयास होना चाहिए और संस्कृति का हिस्सा बनना चाहिए. पानी, पहाड़, जंगल सब साफ होना चाहिए. भारतीयों को इस पर गंभीर होने की जरूरत है. मैं एनडीटीवी को बधाई देता हूं कि इस शो के जरिये लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
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