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This Article is From Jan 31, 2016

धन की समस्या नहीं है, अफसरशाही में उत्साह की कमी है : नितिन गडकरी

धन की समस्या नहीं है, अफसरशाही में उत्साह की कमी है : नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: बुनियादी ढांचा निर्माण को एक प्रमुख चुनौती बताते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश को अगले कुछ साल में सड़कों, बंदरगाहों व हवाई अड्डों के निर्माण के लिए 1,000 अरब डॉलर की जरूरत होगी। गडकरी ने एक न्यूज़ चैनल पर अपनी बात रखती हुए कहा कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत को नई सड़कों, बंदरगाहों और हवाई अड्डों के लिए अगले कुछ साल में 1,000 अरब डॉलर या 67,00,000 करोड़ रुपए की जरूरत है।

गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार देश के बुनियादी ढांचे में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी कर रही है और इस प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लिए धन की कोई कमी नहीं है। अपनी बात पूरी करते हुए गडकरी ने कहा ‘धन की कोई समस्या नहीं है, सोच की जरूरत है। दुर्भाग्य से हमारी अफसरशाही में उत्साह की कमी है।’

बैंकरों से बातचीत
विभिन्न सड़क परियोजनाओं में अफसरशाही की अड़चनों को दूर करने का भरोसा जताते हुए मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र की कंपनियां सरकार के फैसले न लेने और कई तरह की मंजूरियों से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की भूमि अधिग्रहण और परियोजना मंजूरी जैसे मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए बैंकरों तथा ठेकेदारों से कई दौर की बातचीत हो चुकी है।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने कहा ‘अगले पांच साल में हम देश के बुनियादी ढांचे को बदल देंगे। मैं अपना काम जानता हूं, मैं इसे करूंगा।’ गडकरी ने कहा कि बुनियादी ढांचे के निर्माण से देश के जीडीपी में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय 31 मार्च तक 30 किलोमीटर सड़क प्रतिदिन के निर्माण के लक्ष्य के लिए काम कर रहा है। इसके अलावा 100 किलोमीटर सड़क निर्माण प्रतिदिन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी काम किया जा रहा है।

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