सीआरपीएफ की बस पर हुआ था आतंकी हमला (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पंपोर में सीआरपीएफ़ की बस पर जो हमला हुआ, वो सुरक्षा बलों की असावधानी का नतीजा था? गृह मंत्रालय मानता है कि इस मामले में चूक हुई, जबकि सीआरपीएफ की राय कुछ और है।
जांच में सामने आया है कि पंपोर में हमला करने से पहले लश्कर के दो फ़िदायीन लगभग छह घंटे श्रीनगर शहर में घूमते रहे। पुलिस हाई अलर्ट पर थी। क्योंकि इनपुट के मुताबिक़ उस दिन शहर में हमला होने वाला था। जिस ऑल्टो में आतंकवादी सवार थे उसने कई नाके क्रॉस किए लेकिन हमले के बाद वो कार मौक़ा-ए-वारदात से फ़रार होने में कामयाब रही। सारी एजेंसियां अलर्ट रहीं लेकिन पता नहीं लगा पाई कि कार कहां गई।
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक़ लोकल पुलिस कह रही है कि हमलावरों की कार मुख्य सड़कों पर नहीं, भीतरी रास्तों से पंपोर पहुंची और जल्द ही कार की पहचान हो जाएगी। लश्कर के इस फ़िदायीन दस्ते में कुछ और आतंकवादी हैं जिनकी तलाश जारी है और जांच में सामने आया है कि ये पूरा गुट ताज़ा घुसपैठ में भारत में दाख़िल हुआ है।
अब एजेंसियां एक-दूसरे पर कोताही का इल्जाम लगा रही हैं। ख़ुद गृह मंत्रालय मान रहा है कि गड़बड़ी हुई। गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू का कहना है, "कहीं गड़बड़ी तो हुई है, उसका पता लगाने के लिए हम एक हाई लेवल टीम श्रीनगर भेज रहे हैं। उसकी रिपोर्ट आने दो। लेकिन आगे ऐसा ना हो इसके लिए क़दम उठाए जा रहे हैं।"
लेकिन सीआरपीएफ के मुताबिक़ सब क़ायदे क़ानून फ़ॉलो किए गए। सीआरपीएफ के डीजी दुर्गा प्रसाद का कहना है, "हमने सब क़ायदों का पालन किया था इसीलिए उन पर दुबारा से विचार किया जा रहा है।" सीआरपीएफ के मुताबिक़ पाकिस्तान बहुत हार्ड कोर ट्रेंड आतंकवादी भारत भेज रहा है। जो दो मारे गए उनसे भी 11 पाकिस्तानी ऑर्डिनेंस की ग्रेनेड और 12 मैगज़ीन बरामद हुई।
उधर भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर केंद्र सरकार के रवैए को लेकर विपक्ष हमला बोल रहा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्य मंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है, "बीजेपी की कोई तय नीति नहीं है पाकिस्तान को लेकर। भारत को तय कर लेना चाहिए कि पाकिस्तान को वो दोस्त बनाना चाहता है या नहीं। ये सिर्फ़ ड्रामा कर रहे हैं।"
जांच में सामने आया है कि पंपोर में हमला करने से पहले लश्कर के दो फ़िदायीन लगभग छह घंटे श्रीनगर शहर में घूमते रहे। पुलिस हाई अलर्ट पर थी। क्योंकि इनपुट के मुताबिक़ उस दिन शहर में हमला होने वाला था। जिस ऑल्टो में आतंकवादी सवार थे उसने कई नाके क्रॉस किए लेकिन हमले के बाद वो कार मौक़ा-ए-वारदात से फ़रार होने में कामयाब रही। सारी एजेंसियां अलर्ट रहीं लेकिन पता नहीं लगा पाई कि कार कहां गई।
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक़ लोकल पुलिस कह रही है कि हमलावरों की कार मुख्य सड़कों पर नहीं, भीतरी रास्तों से पंपोर पहुंची और जल्द ही कार की पहचान हो जाएगी। लश्कर के इस फ़िदायीन दस्ते में कुछ और आतंकवादी हैं जिनकी तलाश जारी है और जांच में सामने आया है कि ये पूरा गुट ताज़ा घुसपैठ में भारत में दाख़िल हुआ है।
अब एजेंसियां एक-दूसरे पर कोताही का इल्जाम लगा रही हैं। ख़ुद गृह मंत्रालय मान रहा है कि गड़बड़ी हुई। गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू का कहना है, "कहीं गड़बड़ी तो हुई है, उसका पता लगाने के लिए हम एक हाई लेवल टीम श्रीनगर भेज रहे हैं। उसकी रिपोर्ट आने दो। लेकिन आगे ऐसा ना हो इसके लिए क़दम उठाए जा रहे हैं।"
लेकिन सीआरपीएफ के मुताबिक़ सब क़ायदे क़ानून फ़ॉलो किए गए। सीआरपीएफ के डीजी दुर्गा प्रसाद का कहना है, "हमने सब क़ायदों का पालन किया था इसीलिए उन पर दुबारा से विचार किया जा रहा है।" सीआरपीएफ के मुताबिक़ पाकिस्तान बहुत हार्ड कोर ट्रेंड आतंकवादी भारत भेज रहा है। जो दो मारे गए उनसे भी 11 पाकिस्तानी ऑर्डिनेंस की ग्रेनेड और 12 मैगज़ीन बरामद हुई।
उधर भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर केंद्र सरकार के रवैए को लेकर विपक्ष हमला बोल रहा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्य मंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है, "बीजेपी की कोई तय नीति नहीं है पाकिस्तान को लेकर। भारत को तय कर लेना चाहिए कि पाकिस्तान को वो दोस्त बनाना चाहता है या नहीं। ये सिर्फ़ ड्रामा कर रहे हैं।"
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