नई दिल्ली:
व्यापम घोटाले के मामले की सुनवाई में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. सीबीआई ने कहा कि कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह व अन्य पर घोटाले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर झूठे आरोप लगाने और झूठे दस्तावेज तैयार करने के लिए कानून के तहत कारवाई की जाएगी.
सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि जांच में पाया गया कि इस मामले में कुछ फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए गए. विसलब्लोअर प्रशांत पांडेय की याचिका पर सीबीआई ने हलफनामा दाखिल किया है. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है, हालांकि हलफनामे में सीधे-सीधे नाम नहीं है, लेकिन कहा गया है कि झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
पिछले साल 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट व्यापम में धांधली से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बताया था कि कम्प्यूटर की हार्डडिस्क और दिग्विजय सिंह की दी हुई पैन ड्राइव से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है. वहीं कोर्ट ने घोटाले के ट्रायल की मॉनिटरिंग से भी मना कर दिया था. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में सीएफएसएल रिपोर्ट सौंपी थी.
हैदराबाद की सीएफएसएल की रिपोर्ट के अनुसार हार्ड डिस्क और पैन ड्राइव के साथ छेडछाड नहीं हुई है. इस रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिग्विजय सिंह की याचिका को बंद कर दिया. कोर्ट ने कहा था कि निचली अदालतें मामलों की सुनवाई जल्द पूरी करें. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने व्यापम मामले को निचली अदालतों को भेज दिया था.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस 2015 में कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें उन्होंने आरोपी से 2013 में मिले हार्ड डिस्क की जांच कराने को कहा था. याचिका में कहा गया कि व्यापम घोटाला में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत कई बड़े नाम शामिल हैं जिसकी वजह से सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है. इसी के साथ एक पैन ड्राइव भी कोर्ट को सौंपी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की CFSL जांच कराकर कोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे.
सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि 170 शिकायतों में से 117 मामलों में जांच की जा चुकी है और 48 मामलों में चार्जशीट दाखिल की कई है जिसमें 137 आरोपी हैं. इसके अलावा 37 मामलों में जांच चल रही है. एजेंसी के मुताबिक 20 अदालतें व्यापम से जुड़े मामलों पर सुनवाई कर रही हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी को कहा कि तीन महीने में इन मामलों की जांच पूरी करे.
सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि जांच में पाया गया कि इस मामले में कुछ फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए गए. विसलब्लोअर प्रशांत पांडेय की याचिका पर सीबीआई ने हलफनामा दाखिल किया है. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है, हालांकि हलफनामे में सीधे-सीधे नाम नहीं है, लेकिन कहा गया है कि झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
पिछले साल 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट व्यापम में धांधली से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बताया था कि कम्प्यूटर की हार्डडिस्क और दिग्विजय सिंह की दी हुई पैन ड्राइव से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है. वहीं कोर्ट ने घोटाले के ट्रायल की मॉनिटरिंग से भी मना कर दिया था. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में सीएफएसएल रिपोर्ट सौंपी थी.
हैदराबाद की सीएफएसएल की रिपोर्ट के अनुसार हार्ड डिस्क और पैन ड्राइव के साथ छेडछाड नहीं हुई है. इस रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिग्विजय सिंह की याचिका को बंद कर दिया. कोर्ट ने कहा था कि निचली अदालतें मामलों की सुनवाई जल्द पूरी करें. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने व्यापम मामले को निचली अदालतों को भेज दिया था.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस 2015 में कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें उन्होंने आरोपी से 2013 में मिले हार्ड डिस्क की जांच कराने को कहा था. याचिका में कहा गया कि व्यापम घोटाला में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत कई बड़े नाम शामिल हैं जिसकी वजह से सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है. इसी के साथ एक पैन ड्राइव भी कोर्ट को सौंपी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की CFSL जांच कराकर कोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे.
सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि 170 शिकायतों में से 117 मामलों में जांच की जा चुकी है और 48 मामलों में चार्जशीट दाखिल की कई है जिसमें 137 आरोपी हैं. इसके अलावा 37 मामलों में जांच चल रही है. एजेंसी के मुताबिक 20 अदालतें व्यापम से जुड़े मामलों पर सुनवाई कर रही हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी को कहा कि तीन महीने में इन मामलों की जांच पूरी करे.
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