सुप्रीम कोर्ट ने सात मई को विशाखापट्टनम के विजाग स्थित एलजी पॉलिमर इंडिया के प्लांट में हुए गैस लीक (Visakhapatnam Gas Leak) मामले की जांच को लेकर कोई आदेश देने से इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एनजीटी (National Green Tribunal- NGT) के आदेश पर कोई भी आदेश जारी करने से मना कर दिया है.
शीर्ष अदालत का कहना है कि चूंकि मामला फिलहाल NGT में लंबित है इसलिए वो कोई आदेश जारी नहीं करेगा. कोर्ट ने एलजी पॉलिमर इंडिया (LG Polymer India) को आजादी दी है कि अपनी बात वो NGT के सामने रख सकते हैं. इस मामले में एक जून को सुनवाई होनी है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘सात मई को हुई घटना पर हाईकोर्ट ने उसी दिन आदेश जारी किया था. जिसके अगले दिन ही NGT ने स्वत: संज्ञान लेकर कमेटी बनाई, शायद उसे हाईकोर्ट की सुनवाई के बारे में जानकारी नहीं होगी. ऐसे में याचिकाकर्ता NGT में जाकर ये तथ्य रख सकता है.'
एलजी पॉलिमर इंडिया की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा कि NGT के आदेशानुसार 50 करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं, लेकिन इस मामले की जांच के लिए सात कमेटियां बना दी गई हैं और कमेटी ने बिना नोटिस दिए तीन बार प्लांट का दौरा किया है.
उन्होंने कहा कि NGT के पास स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू करने का क्षेत्राधिकार नहीं है. NGT के अलावा हाईकोर्ट ने भी सुनवाई की है. NHRC (National Human Rights Commission) और राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Board of Pollution Control) ने भी जांच कमेटी बना दी है, वहीं केंद्र सरकार भी मामले की जांच कर रही है, ऐसे में NGT की कमेटी पर रोक लगाई जाए.
एनजीटी के जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने इस घटना की जांच करने के लिए जस्टिस बी शेषासन रेड्डी की एक पांच सदस्यीय समिति बनाई थी, जिसे 18 मई से पहले रिपोर्ट पेश करनी थी.
बता दें कि सात मई को विशाखापट्टनम के कंपनी के प्लांट में गैस लीक के बाद आठ मई को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट को 50 करोड़ रुपये की अंतरिम राशि जमा करने का निर्देश दिया था. यह राशि उसे मजिस्ट्रेट के पास जमा करनी थी.
NGT का कहना था कि इस मामले को देखकर साफ पता चलता है कि कंपनी नियमों और दूसरे वैधानिक प्रावधानों को पूरा करने में नाकाम रही है, जिसकी वजह से ये हादसा हुआ है. कोर्ट ने इसके अलावा केंद्र और एलजी पॉलिमर इंडस्ट्री और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) समेत अन्य को भी नोटिस जारी किया है.
विजाग में कंपनी के प्लांट में स्टाइरीन गैस लीक होने से 11 मजदूरों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. इससे लगभग 1,000 लोग प्रभावित हुए, वहीं इलाके की प्राकृतिक संपदा को भी नुकसान पहुंचा था.
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