नई दिल्ली:
एनडीटीवी इंडिया पर कैराना का #ViralJhooth दिखाए जाने के बाद अब इलाके के बीजेपी सांसद हुकुम सिंह अपने बयान से थोड़े पलटते नज़र आ रहे हैं। आज उन्होंने साफ किया कि यह पूरा मामला सांप्रदायिक नहीं बल्कि अपराधियों से जुड़ा हुआ है।
प्रशासनिक विफलता का नतीजा
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से प्रशासनिक विफलता का नतीजा है। पलायन करने वाले लोगों की लिस्ट पर जो सवाल NDTV ने उठाए उस पर भी सांसद महोदय साफ़ाई देते नज़र आए। उन्होंने माना की उनकी लिस्ट में कुछ गड़बड़ी हो सकती है और अगर यह सच साबित होता है तो उन्हें माफ़ी मांगने से भी परहेज नहीं है।
कार्यकर्ताओं ने तैयार की लिस्ट
उन्होंने कहा कि यह लिस्ट उनके कार्यकर्ताओं ने तैयार की थी और अगर प्रशासन को इसमें कोई गलती लगती है तो वह अपनी लिस्ट जारी करें और जब तक नई लिस्ट सामने नहीं आ जाती वह अपने 346 लोगों की लिस्ट पर कायम हैं।
हिन्दू-मुस्लिम समस्या नहीं
हुकुम सिंह ने कहा कि जानबूझकर सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है। कैराना में हिन्दू-मुस्लिम समस्या नहीं है। असल में कैराना में अपराधियों का आतंक है। कैराना में पुलिस प्रशासन पूरी तरह विफल है।
ईमानदारी से काम नहीं करने देते
उन्होंने आगे कहा कि अधिकारी ईमानदारी से काम करते को अपराधी एक महीने से ज़्यादा नहीं टिकने देते। समाजवादी पार्टी की सरकार के नेताओं की बात सुनने वाला ही अधिकारी यहां रहेगा।
गलती हुई तो माफी मांगने को तैयार
लिस्ट में गड़बड़ी पर हुकुम सिंह ने कहा कि प्रशासन ऐसे पीड़ित परिवारों की सूची क्यों नहीं जारी करता। प्रशासन कोई सूची जारी करे तभी तो जवाब दूंगा। मेरे पास कोई मशीनरी नहीं, कार्यकर्ताओं ने सूची तैयारी की है। हो सकता है इस लिस्ट में कोई ग़लती हुई हो। ग़लती सामने आई तो मैं मान लूंगा। अब भी मैं 346 लोगों की अपनी सूची पर बरक़रार हूं। सूची का खंडन मिलने के बाद ही मैं इससे हटूंगा।
फिलहाल दावे पर कायम
बीजेपी सांसद हुकूम सिंह ने 346 हिन्दू नामों की लिस्ट जारी की है जिस पर सवालिया निशान लग रहा है, लेकिन हुकूम सिंह के अपने दावे हैं।
अमित शाह ने आंख खोलने वाला बताया था
बेशक, हुकुम सिंह अब सांप्रदायिक मामला न होने की बात कर रहे हैं लेकिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इलाहाबाद की रैली में कैराना मामले को आंख खोलने वाला बता रहे थे।
(NDTV इंडिया की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट : उत्तर प्रदेश के कैराना का वायरल झूठ)
प्रशासनिक विफलता का नतीजा
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से प्रशासनिक विफलता का नतीजा है। पलायन करने वाले लोगों की लिस्ट पर जो सवाल NDTV ने उठाए उस पर भी सांसद महोदय साफ़ाई देते नज़र आए। उन्होंने माना की उनकी लिस्ट में कुछ गड़बड़ी हो सकती है और अगर यह सच साबित होता है तो उन्हें माफ़ी मांगने से भी परहेज नहीं है।
कार्यकर्ताओं ने तैयार की लिस्ट
उन्होंने कहा कि यह लिस्ट उनके कार्यकर्ताओं ने तैयार की थी और अगर प्रशासन को इसमें कोई गलती लगती है तो वह अपनी लिस्ट जारी करें और जब तक नई लिस्ट सामने नहीं आ जाती वह अपने 346 लोगों की लिस्ट पर कायम हैं।
हिन्दू-मुस्लिम समस्या नहीं
हुकुम सिंह ने कहा कि जानबूझकर सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है। कैराना में हिन्दू-मुस्लिम समस्या नहीं है। असल में कैराना में अपराधियों का आतंक है। कैराना में पुलिस प्रशासन पूरी तरह विफल है।
ईमानदारी से काम नहीं करने देते
उन्होंने आगे कहा कि अधिकारी ईमानदारी से काम करते को अपराधी एक महीने से ज़्यादा नहीं टिकने देते। समाजवादी पार्टी की सरकार के नेताओं की बात सुनने वाला ही अधिकारी यहां रहेगा।
गलती हुई तो माफी मांगने को तैयार
लिस्ट में गड़बड़ी पर हुकुम सिंह ने कहा कि प्रशासन ऐसे पीड़ित परिवारों की सूची क्यों नहीं जारी करता। प्रशासन कोई सूची जारी करे तभी तो जवाब दूंगा। मेरे पास कोई मशीनरी नहीं, कार्यकर्ताओं ने सूची तैयारी की है। हो सकता है इस लिस्ट में कोई ग़लती हुई हो। ग़लती सामने आई तो मैं मान लूंगा। अब भी मैं 346 लोगों की अपनी सूची पर बरक़रार हूं। सूची का खंडन मिलने के बाद ही मैं इससे हटूंगा।
फिलहाल दावे पर कायम
बीजेपी सांसद हुकूम सिंह ने 346 हिन्दू नामों की लिस्ट जारी की है जिस पर सवालिया निशान लग रहा है, लेकिन हुकूम सिंह के अपने दावे हैं।
अमित शाह ने आंख खोलने वाला बताया था
बेशक, हुकुम सिंह अब सांप्रदायिक मामला न होने की बात कर रहे हैं लेकिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इलाहाबाद की रैली में कैराना मामले को आंख खोलने वाला बता रहे थे।
(NDTV इंडिया की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट : उत्तर प्रदेश के कैराना का वायरल झूठ)
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