सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीएस चौहान के नेतृत्व में जांच आयोग गठित करने पर मुहर लगा दी है. आयोग के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीएस चौहान ने एनडीटीवी से कहा कि वह जांच के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. इस पहलू की जांच करेंगे कि विकास दुबे को परोल या जमानत कैसे मिली. यह एक अहम मुद्दा है, जिसकी जांच पैनल कोर्ट के आदेश के अनुसार करेगा. हम सभी पहलुओं की जांच करेंगे और अपनी रिपोर्ट समय पर अदालत को सौंपेंगे.
यूपी सरकार ने शीर्ष न्यायालय में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान, जांच आयोग के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस बी एस चौहान के नाम का सुझाव दिया. यूपी सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जस्टिस चौहान लॉ कमीशन के चेयरमैन भी रह चुके हैं और उन्होंने जांच आयोग के लिए सहमति भी जताई है. आयोग में यूपी के पूर्व डीजीपी के एल गुप्ता के नाम सुझाव गया था. न्यायालय ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने जांच कमीशन को एक हफ्ते में गठित करने को.कहा है. न्यायालय ने कहा कि सचिव.स्तर के अधिकारी केन्द्र सरकार मुहैया कराएगी यूपी सरकार नहीं. दो महीने में आयोग अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगा. आयोग हर पहलू की गंभीरता से जांच करेगा.
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि दुबे मामले से निपटने वाले अधिकारियों की भूमिका और निष्क्रियता की जांच करें. इस बात की भी जांच हो कि विकास दुबे की जमानत रद्द करने के क्या प्रयास किए गए थे.
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