चित्र : वीएचपी नेता अशोक सिंघल
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उत्तर प्रदेश सरकार की रोक के बावजूद रविवार से 84 कोसी परिक्रमा पर आमादा विश्व हिंदू परिषद (विहिप) शासन की सख्ती के कारण अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सकी।
अशोक सिंघल, प्रवीण तोगड़िया सहित विहिप के शीर्ष नेताओं को परिक्रमास्थल पर पहुंचने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया। परिक्रमा के लिए अयोध्या का रुख करने वाले करीब 2000 विहिप कार्यकर्ताओं और साधु-संतों को पुलिस ने राज्यभर से गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास और विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया व राम विलास वेदांती को अयोध्या से गिरफ्तार किया। विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंघल को लखनऊ हवाईअड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया। सिंघल को दोपहर बाद पड़ोस के उन्नाव जिले में स्थित नवाबगंज पक्षी विहार के अतिथि गृह ले जाया गया।
सिंघल ने कहा कि सपा सरकार वोट बैंक के लिए हिंदू दमनकारी नीति अपना रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने परिक्रमा को मुद्दा बनाया है। विहिप परिक्रमा पूरी करके रहेगी।
सिंघल की गिरफ्तारी के विरोध में विहिप कार्यकर्ताओं ने हवाईअड्डे पर हंगामा किया और पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की। 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हवाईअड्डे से गिरफ्तार कर पुलिस लाइन भेज दिया गया।
परिक्रमा में शामिल होने की कोशिश कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो विधायकों -सावित्री बाई फुले और रामचंद्र यादव- को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
गृह विभाग के सचिव कमल सक्सेना ने संवाददाताओं से कहा, "प्रथम दिन राज्यभर में 1696 विहिप कार्यकर्ताओं, साधु-संतों को गिरफ्तार किया गया। ये लोग रोक के बावजूद अयोध्या जाकर परिक्रमा शुरू करना चाहते थे।" उन्होंने कहा, "पहला दिन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। गिरफ्तार साधु-संत व विहिप कार्यकर्ता अगले 14 दिन तक जेल में रहेंगे। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।"
उल्लेनीय है कि विहिप ने 25 अगस्त से 13 सितंबर तक 84 कोसी परिक्रमा की घोषणा की थी, जिस पर राज्य सरकार ने 19 अगस्त को प्रतिबंध लगा दिया था। अयोध्या में पूजा-पाठ करने के बाद बस्ती जिले से यात्रा शुरू होनी थी।
सक्सेना ने कहा कि चूंकि विहिप ने परिक्रमा का फैसला वापस नहीं लिया है, लिहाजा अयोध्या, फैजाबाद सहित आसपास के छह जिलों में सुरक्षा व्यवस्था यथावत लागू रहेगी। केंद्र से 12 कंपनी अर्द्धसैनिक बल मुहैया कराए गए हैं। इन जिलों के अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य सरकार के रवैए पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि संतों को हिन्दुस्तान में परिक्रमा नहीं करने दिया जाएगा तो क्या पाकिस्तान में परिक्रमा करेंगे।
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी (सपा) ने कहा कि विहिप द्वारा असमय शुरू की गई 84 कोसी परिक्रमा से प्रदेश की जनता ने खुद को अलग रखा, जिसके लिए उसे बधाई दी जानी चाहिए।
सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि विहिप की परिक्रमा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी धार्मिक और परंपरागत मानने से इनकार कर दिया, इस पर रोक हटाने संबंधी याचिका खारिज कर दी। अब जनता ने भी विहिप की इस कोशिश को नकार दिया।
चौधरी ने कहा कि भाजपा और विहिप प्रदेश की प्रगति में रोड़ा अटकाने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो ताकतें राज्य के साम्प्रदायिक सौहार्द्र और आपसी भाईचारे में खलल डालने की कोशिश करेंगी, सपा सरकार उनसे सख्ती से निपटेगी।
अयोध्या से सपा विधायक और राज्य मंत्री पवन पांडेय ने संवाददाताओं से कहा कि यह भाजपा और विहिप की मिलीजुली साजिश थी, जो विफल हो गई है।
राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री आजम खान ने कहा कि सूबे की जनता ने धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों को अच्छा सबक दिया है। जनता को मालूम है कि इस तरह की परिक्रमाएं केवल निजी लाभ के लिए की जा रही हैं।
शासन-प्रशासन की सख्ती के चलते परिक्रमा निकालने में नाकाम रही विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने अब सोमवार को देशभर में धरना-प्रदर्शन की घोषणा की है।
विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि संतों और धर्माचार्यों को जगह-जगह से गिरफ्तार किया जा रहा है। संतों की गिरफ्तारी के विरोध में सोमवार को देशभर में प्रदर्शन किया जाएगा।
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