यह ख़बर 08 जून, 2013 को प्रकाशित हुई थी

मप्र में जनजातीय युवतियों का कौमार्य परीक्षण, जांच के आदेश

खास बातें

  • मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में जनजातीय युवतियों का कौमार्य परीक्षण कराए जाने का मामला सामने आया है। कलेक्टर ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं
बैतूल:

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में जनजातीय युवतियों का कौमार्य परीक्षण कराए जाने का मामला सामने आया है। कलेक्टर ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं कांग्रेस ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाही किए जाने की मांग की है।
 
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत हरदू ग्राम में शुक्रवार को चिचोली जिला पंचायत द्वारा सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस समारोह में 400 जोड़ों को परिणय सूत्र में बंधना था। सामूहिक विवाह कार्यक्रम के लिए पंजीकृत युवतियों को तैयार होने के लिए बनाए गए कक्ष में तैनात एएनएम द्वारा कुछ युवतियों के गर्भवती होने का संदेह होने पर उनसे पूछताछ की गई तथा बाहरी तौर पर परीक्षण किया गया।

चिकित्सकीय दल द्वारा किए गए स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान दुल्हन बनीं आठ युवतियां गर्भवती पाई गईं। आनन-फानन में गर्भवती युवतियों का पंजीयन निरस्त कर उनसे वैवाहिक सामग्री वापस ले ली गई।

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बैतूल के कलेक्टर राजेश प्रसाद मिश्र ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रशिक्षु कलेक्टर नेहा मार्वा को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है और उन्हें सात दिनों में जांच रपट सौंपनी है।
 
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने बैतूल जिले में जनजातीय युवतियों के कौमार्य परीक्षण की घटना को शिवराज सरकार के लिए शर्मनाक और कलंकित बताते हुए दोषियों के विरुद्घ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस घटना से जनजातीय समाज और प्रदेश की महिलाओं का घोर अपमान हुआ है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को माफी मांगनी चाहिए।