नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि मामले में 22 नवंबर को आएगा फैसला, वानखेड़े के पिता ने दर्ज कराया था मुकदमा

समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव वानखेड़े ने मलिक से 1.25 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि और भविष्य में कोई भी फर्जी या गलत टिप्पणी करने से रोकने के लिए स्थगनादेश मांगा है.

नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि मामले में 22 नवंबर को आएगा फैसला, वानखेड़े के पिता ने दर्ज कराया था मुकदमा

नवाब मलिक आर्यन खान ड्रग केस के बाद से लगातार समीर वानखेड़े पर आरोप लगा रहे हैं

नई दिल्ली:

नवाब मलिक (Nawab Malik) के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे पर फ़ैसला अब 22 नवंबर को आएगा. दरअसल, एनसीपी अधिकारी समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने बॉम्बे हाईकोर्ट में नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है. जिसमें मांग की है कि नवाब मलिक को उन्हें दाऊद कहने पर रोक लगाई जाए. मामले में दोनों पक्षों की तरफ से अतिरिक्त दस्तावेज सौंपे गए. इस दौरान जस्टिस के कमरे में सुनवाई हुई. जिसके बाद अदालत ने फैसला 22 नवंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया है. 

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बता दें कि समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव वानखेड़े ने मलिक से 1.25 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि और वानखेड़े परिवार के खिलाफ भविष्य में कोई भी फर्जी या गलत टिप्पणी करने से रोकने के लिए स्थगनादेश मांगा है. जिसकी सुनवाई कोर्ट में चल रही है. वहीं इस मामले में मंत्री मलिक ने सभी आरोपों से इंकार किया है.

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गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक आर्यन खान ड्रग केस के बाद से लगातार समीर वानखेड़े पर आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि समीर वानखेड़े का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा पास करने के बाद आरक्षण के तहत नौकरी पाने के लिए उन्होंने अनुसूचित जाति श्रेणी के प्रमाणपत्र सहित कई फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया.

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