नई दिल्ली:
पितृत्व विवाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाइकोर्ट ने कहा है कि तिवारी को डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल देना होगा और जरूरत पड़ने पर इसके लिए पुलिस की भी मदद ली जाएगी। यह याचिका उनका बेटा होने का दावा करने वाले रोहित शेखर ने दायर की थी।
इससे पहले हाईकोर्ट ने तिवारी को इस मामले में डीएनए सैंपल देने के लिए कहा था जिसके विरोध में तिवारी सुप्रीम कोर्ट चले गए थे और वहां से भी उन्हें स्टे नहीं मिला था। गौरतलब है कि रोहित शेखर नाम के एक 32 वर्षीय युवक ने पितृत्व संबंधी मुकदमा दायर कर यह दावा किया है कि तिवारी ही उसके सगे पिता हैं।
सितंबर, 2011 में हाईकोर्ट की एकल पीठ की ओर से दिए गए फैसले को दरकिनार करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने कहा कि यदि तिवारी डीएनए जांच के आदेशों को नहीं मानते हैं, तो उन पर पुलिस बल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने आदेश दिया था कि आंध्र प्रदेश के पूर्व राज्यपाल 86 साल के तिवारी को डीएनए जांच के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
इससे पहले हाईकोर्ट ने तिवारी को इस मामले में डीएनए सैंपल देने के लिए कहा था जिसके विरोध में तिवारी सुप्रीम कोर्ट चले गए थे और वहां से भी उन्हें स्टे नहीं मिला था। गौरतलब है कि रोहित शेखर नाम के एक 32 वर्षीय युवक ने पितृत्व संबंधी मुकदमा दायर कर यह दावा किया है कि तिवारी ही उसके सगे पिता हैं।
सितंबर, 2011 में हाईकोर्ट की एकल पीठ की ओर से दिए गए फैसले को दरकिनार करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने कहा कि यदि तिवारी डीएनए जांच के आदेशों को नहीं मानते हैं, तो उन पर पुलिस बल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने आदेश दिया था कि आंध्र प्रदेश के पूर्व राज्यपाल 86 साल के तिवारी को डीएनए जांच के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
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