विज्ञापन
This Article is From Jan 11, 2016

महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश 8 महीने करने के प्रस्ताव का विभिन्न मंत्रालयों ने किया समर्थन

महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश 8 महीने करने के प्रस्ताव का विभिन्न मंत्रालयों ने किया समर्थन
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली: निजी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश बढ़ाकर आठ महीने करने के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रस्ताव को तब बल मिला, जब विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों ने उसे अपना समर्थन दिया। हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय वरिष्ठ नौकरशाहों की एक समिति करेगी।

इससे पहले श्रम विभाग ने मातृत्व अवकाश बढ़ाकर साढ़े छह महीने करने को मंजूरी दी थी, जबकि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने आठ महीने करने का प्रस्ताव दिया था। मंत्रालय ने अब प्रस्ताव को कैबिनेट सचिव के नेतृत्व वाली सचिवों की समिति को भेजने का निर्णय किया है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, चूंकि हमने एक लंबी अवधि (आठ महीने) का प्रस्ताव किया है, हमने मामले को कैबिनेट सचिव के नेतृत्व वाली सचिवों की समिति को भेजने का निर्णय किया है। एक बार उनके द्वारा मंजूर किए जाने पर वह कैबिनेट के पास जाएगा। अधिकारी ने कहा, हमने प्रस्ताव को विभिन्न मंत्रालयों को भी भेजा है और अधिकतर ने इसका समर्थन किया है जिसमें रक्षा, गृह और वित्त मंत्रालय शामिल हैं। उन्होंने कहा, श्रम मंत्रालय ने साढ़े छह महीने की मंजूरी दे दी है। उसे उच्च स्तर में जाने दीजिए।

केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के नेतृत्व वाला महिला एवं बाल विकास मंत्रालय बच्चों का स्वस्थ तरीके से बढ़ना एवं विकास के लिए उन्हें छह महीने तक केवल मां का दूध पिलाने की विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिश के अनुसार महिलाओं के लिए आठ महीने मातृत्व अवकश की मांग कर रहा है।

अधिकारी ने कहा, हमें बच्चे की जन्म की तिथि से कम से कम छह महीने तक उसे मां का दूध पिलाया जाना सुनिश्चित करना चाहिए, इसलिए कम से कम इतना समय तो मिलना ही चाहिए। यह चिकित्सकीय रूप से साबित तथ्य है कि किसी भी महिला को बच्चे के जन्म से कम से कम एक महीने पहले छुट्टी की जरूरत होती है। कुल आठ महीने के अवकाश में से मंत्रालय ने प्रस्ताव किया है कि महिला को बच्चे के जन्म से एक महीने पहले और बच्चे के जन्म के सात महीने बाद तक छुट्टी मिलनी चाहिए।

प्रस्ताव के मंजूर हो जाने पर मातृत्व लाभ कानून, 1961 में एक संशोधन करना पड़ेगा, जो वर्तमान में महिला को 12 सप्ताह के मातृत्व अवकाश का हकदार बनाता है, जबकि नियोक्ता को अवकाश अवधि के पूरे वेतन का भुगतान करना होता है। वहीं सरकारी नौकरियों में कार्यरत महिलाओं को केंद्रीय लोकसेवा (अवकाश) नियम 197 के तहत छह महीने मातृत्व अवकाश मिलता है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
मातृत्व अवकाश, मैटरनिटी लीव, महिलाओं को छुट्टी, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, Maternity Leave, Women And Child Development Ministry, Leaves
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com