जून में आई भीषण बाढ़ ने उत्तराखंड में भारी तबाही मचाई थी
देहरादून:
उत्तराखंड आपदा में मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज हो रही है। केदरानाथ मंदिर के रास्ते में 68 शव और मिले हैं, जो उन श्रद्धालुओं के माने जा रहे हैं जो जून में आई जल प्रलय से बचने के लिए पहाड़ियों पर चढ़ गए और वहां भूख तथा ठंड से उनकी मौत हो गई।
पुलिस महानिरीक्षक आरएस मीणा ने बताया कि बुरी तरह क्षत-विक्षत 68 शव गरूड़चट्टी और गौरीकुंड के बीच पहाड़ियों पर मिले, जिनका शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे दो दिन पहले केदारनाथ के नजदीक 64 शवों का दाह संस्कार किया गया था।
उन्होंने कहा, उनका पारंपरिक विधि-विधान के अनुसार अंतिम संस्कार किया जा रहा है और साथ ही पहचान के लिए डीएनए नमूने लेने, पंचनामा करने और उनके द्वारा पहनी गई चूड़ी, कुंडल आदि जैसी चीजों को संभालकर रखा जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि आपदा से सर्वाधिक प्रभावित केदारघाटी में मंगलवार को तलाशी अभियान का तीसरा चरण शुरू होने से लेकर अब तक कुल 166 शव बरामद हो चुके हैं, जिनका अंतिम संस्कार किया जा चुका है। पहले दो चरणों में 200 उसे अधिक शव निकाले गए।
सूत्रों का कहना है कि अब मरने वालों का आधिकरिक आंकड़ा 1,000 को पार कर चुका है। हालांकि, गैर-सरकारी संगठनों का कहना है कि त्रासदी में हजारों लोग मारे गए हैं, जिनमें से बहुत से लोगों का प्रतिकूल पर्वतीय ऊंचाइयों की वजह से पता नहीं लग पाया है। तलाशी अभियान के रविवार तक जारी रहने की संभावना है। इसे पर्वतारोही और उत्तराखंड पुलिस के कमांडो 12,500-13,000 फुट की ऊंचाई पर अंजाम दे रहे हैं।
पुलिस महानिरीक्षक आरएस मीणा ने बताया कि बुरी तरह क्षत-विक्षत 68 शव गरूड़चट्टी और गौरीकुंड के बीच पहाड़ियों पर मिले, जिनका शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे दो दिन पहले केदारनाथ के नजदीक 64 शवों का दाह संस्कार किया गया था।
उन्होंने कहा, उनका पारंपरिक विधि-विधान के अनुसार अंतिम संस्कार किया जा रहा है और साथ ही पहचान के लिए डीएनए नमूने लेने, पंचनामा करने और उनके द्वारा पहनी गई चूड़ी, कुंडल आदि जैसी चीजों को संभालकर रखा जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि आपदा से सर्वाधिक प्रभावित केदारघाटी में मंगलवार को तलाशी अभियान का तीसरा चरण शुरू होने से लेकर अब तक कुल 166 शव बरामद हो चुके हैं, जिनका अंतिम संस्कार किया जा चुका है। पहले दो चरणों में 200 उसे अधिक शव निकाले गए।
सूत्रों का कहना है कि अब मरने वालों का आधिकरिक आंकड़ा 1,000 को पार कर चुका है। हालांकि, गैर-सरकारी संगठनों का कहना है कि त्रासदी में हजारों लोग मारे गए हैं, जिनमें से बहुत से लोगों का प्रतिकूल पर्वतीय ऊंचाइयों की वजह से पता नहीं लग पाया है। तलाशी अभियान के रविवार तक जारी रहने की संभावना है। इसे पर्वतारोही और उत्तराखंड पुलिस के कमांडो 12,500-13,000 फुट की ऊंचाई पर अंजाम दे रहे हैं।
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