होली (Holi) के बाद चार राज्यों में बीजेपी सरकार (BJP Government) का गठन होगा लेकिन उससे पहले सरकार गठन, उसके स्वरूप और मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले चेहरों को लेकर बीजेपी में शीर्ष स्तर पर बैठकों का दौर जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ वरिष्ठ नेताओं की मैराथन बैठकों में नई सरकारों के गठन के खाके को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और प्रदेश नेताओं ने राज्य में सरकार गठन को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से लंबी चर्चा की है. हालांकि, योगी आदित्यनाथ अब वापस लखनऊ चले गए हैं. सूत्रों के अनुसार 21 मार्च को योगी आदित्यनाथ का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है. हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी की उपलब्धता के आधार पर इसमें फेरबदल की संभावना भी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए चारों राज्यों में मंत्रिमंडल बनाने की रणनीतिक तैयारी भी चल रही है. इसके लिए सभी जीते गए विधायकों का डेटा तैयार किया जा रहा है. इन विधायकों को मंत्री बनाते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखा जा सकता है. इनमें जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का संतुलन अहम होगा. ओबीसी और अनुसूचित जाति वर्ग के विधायकों को मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व देने पर भी मंथन हो रहा है.
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बीजेपी में इस बात पर भी मंथन चल रहा है कि नई मंत्रिपरिषद में युवाओं, महिलाओं और उच्च शिक्षा प्राप्त विधायकों को प्राथमिकता दी जाए. प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिया है कि बीजेपी और देश को अगले 25 वर्ष तक नेतृत्व मिले इसके लिए सरकारों में युवाओं को खास महत्व देना है. बीजेपी सांसदों को निर्देश दिया गया है कि अपने संसदीय क्षेत्र में उन 100 बूथों की पहचान करें, जहां पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा. इसके कारणों का पता लगाएं और उन्हें ठीक करने का प्रयास करें.
योगी सरकार के 11 मंत्री हार गए चुनाव:
योगी आदित्यानाथ की पिछली सरकार के 11 मंत्री चुनाव हार चुके हैं. चार मंत्री दूसरी पार्टियों में चले गए हैं. इस तरह मंत्रिपरिषद में 15 पद खाली हो गए हैं. पुराने कुछ मंत्रियों का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है, इसलिए उनकी छुट्टी हो सकती है. इस तरह यूपी में करीब 20 नए मंत्री बनाए जाने हैं. इनमें अनुसूचित जाति खासतौर से जाटव वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की बात कही जा रही है क्योंकि जाटवों ने बड़ी संख्या में बीएसपी के बजाए बीजेपी को वोट दिया है.
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नए मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री का पद बरकरार रखा जाएगा. इस पर अनुसूचित जाति से कोई नुमाइंदा बैठ सकता है या फिर इस समुदाय के खाते में स्पीकर की कुर्सी जा सकती है. उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की चर्चा है.
उप मुख्यमंत्री पद पर रेस में ये नाम:
केशव प्रसाद मौर्य के चुनाव हारने के बाद ओबीसी उपमुख्यमंत्री के लिए प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का नाम भी आगे चल रहा है. उच्च शिक्षित वर्ग में कुछ पूर्व आईएएस, आईआरएस विधायक/एमएलसी जैसे ए के शर्मा, असीम अरुण, राजेश्वर सिंह को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कुछ नए चेहरों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.
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योगी कैबिनेट में महिलाओं और युवाओं की संख्या बढ़ाने पर भी मंथन चल रहा है. इसके अलावा बीजेपी पूर्वांचल में नए सिरे से रणनीति बनाने पर भी विचार कर रही है. वहां से कुछ पुराने चेहरों की छुट्टी हो सकती है.
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