उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में अब मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों का मूल वेतन 40 हजार रुपये प्रतिमाह होगा. पहले यह 12 हजार रुपये प्रतिमाह था. इस फैसले को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट ने मंजूरी दे दी.
प्रदेश में मुख्यमंत्री का वेतन वर्ष 1981 के बाद बढ़ाया गया है. उपमंत्रियों और राज्यमंत्रियों का मूल वेतन भी 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 35 हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है.
प्रदेश सरकार ने इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्रियों के पास बंगले बरकरार रखने के लिए एक नई नियमावली बनाने का फैसला किया है. इस नियमावली को 22 अगस्त से आने वाले विधानसभा के सत्र में मंजूर कराया जाएगा. बुधवार को नियमावली बनाने के फैसले को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगले खाली करने के आदेश के मद्देनजर लाया जा रहा है.
कैबिनेट की बैठक में हुए कुछ महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी देते हुए अखिलेश ने कहा कि इलाहाबाद में भी मेट्रो शुरू करने की मंजूरी कैबिनेट ने दे दी है. जल्द ही वहां सर्वे का काम शुरू होगा और उसके बाद वहां भी तेजी से काम होगा. अखिलेश ने कहा, "यूपी में विकास बहुत तेजी से हो रहा है. लखनऊ में जल्द ही मेट्रो की शुरुआत हो जाएगी. कानुपर, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और बनारस में मेट्रो के डीपीआर को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है."
उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने एक अहम फैसला किया है जिसके तहत अब कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मुफ्त में बैग दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त रामपुर में एक सब स्टेशन बनाने की मंजूरी प्रदान की गई है. बलिया के जियाउद्दीन रिजवी को अब तक मंत्री पद की शपथ न दिलाए जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि जब शपथ ग्रहण हुआ था तब वह धार्मिक यात्रा पर बाहर गए थे. जल्द ही उन्हें शपथ दिलाई जाएगी. अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि 22 अगस्त से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र के दौरान सरकार अनुपूरक बजट भी पेश करेगी. इसकी जानकारी सदन में ही दी जाएगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रदेश में मुख्यमंत्री का वेतन वर्ष 1981 के बाद बढ़ाया गया है. उपमंत्रियों और राज्यमंत्रियों का मूल वेतन भी 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 35 हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है.
प्रदेश सरकार ने इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्रियों के पास बंगले बरकरार रखने के लिए एक नई नियमावली बनाने का फैसला किया है. इस नियमावली को 22 अगस्त से आने वाले विधानसभा के सत्र में मंजूर कराया जाएगा. बुधवार को नियमावली बनाने के फैसले को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगले खाली करने के आदेश के मद्देनजर लाया जा रहा है.
कैबिनेट की बैठक में हुए कुछ महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी देते हुए अखिलेश ने कहा कि इलाहाबाद में भी मेट्रो शुरू करने की मंजूरी कैबिनेट ने दे दी है. जल्द ही वहां सर्वे का काम शुरू होगा और उसके बाद वहां भी तेजी से काम होगा. अखिलेश ने कहा, "यूपी में विकास बहुत तेजी से हो रहा है. लखनऊ में जल्द ही मेट्रो की शुरुआत हो जाएगी. कानुपर, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और बनारस में मेट्रो के डीपीआर को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है."
उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने एक अहम फैसला किया है जिसके तहत अब कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मुफ्त में बैग दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त रामपुर में एक सब स्टेशन बनाने की मंजूरी प्रदान की गई है. बलिया के जियाउद्दीन रिजवी को अब तक मंत्री पद की शपथ न दिलाए जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि जब शपथ ग्रहण हुआ था तब वह धार्मिक यात्रा पर बाहर गए थे. जल्द ही उन्हें शपथ दिलाई जाएगी. अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि 22 अगस्त से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र के दौरान सरकार अनुपूरक बजट भी पेश करेगी. इसकी जानकारी सदन में ही दी जाएगी.
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