यह ख़बर 18 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

दुनिया का लोकपाल नहीं अमेरिका : देवयानी मामले पर डेरिक ओ ब्रायन

नई दिल्ली:

न्यूयॉर्क में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे के साथ हुई बदसलूकी का मामला आज संसद में जोरशोर से उठा। बीजेपी, बीएसपी और लेफ्ट पार्टियों ने इस मामले पर सरकार से सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की।
 
बीजेपी नेता अरुण जेटली ने इस मुद्दे पर गहरा रोष जताते हुए कहा कि भारत सरकार को यह मुद्दा उच्चतम स्तर पर उठाना चाहिए और अमेरिका से सीधे तौर पर माफी मांगने के लिए कहा जाना चाहिए।

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी अमेरिका की आलोचना की, लेकिन उन्होंने भारत सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि क्योंकि पीड़ित भारतीय अधिकारी एक दलित है इसलिए कार्रवाई में देरी हुई।

सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि हमें खुशी है कि भारत सरकार ने खोबरागडे मामले पर विरोध दिखाया, क्योंकि यह भारत की संप्रभुता पर हमला है।

तृणमूल नेता डेरिक ओ ब्रायन ने कहा कि अमेरिका अपने आपको दुनिया का लोकपाल समझता है। हमें हिसाब करना चाहिए कि भारतीय स्टाफ को अमेरिका में और अमेरिकी स्टाफ को भारत में बराबर सुविधाएं मिलती हैं या नहीं।

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जेडीयू के सांसद शिवानंद तिवारी ने कहा कि अमेरिका को इस मामले में कायदे से जवाब दिया जाना चाहिए। हमारे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के साथ भी अपमानित घटना हुई थी। तिवारी ने आगे कहा कि अमेरिका जब तक देवयानी पर जो मुकदमा हुआ है वह वापस न ले और इस मामले पर माफी न मांग ले, तब तक भारत को सख्ती कम नहीं करनी चाहिए।