दिल्ली के उपहार सिनेमा हॉल में लगी आग के केस में अब अंसल बंधुओं पर आरोप तय हो गए हैं। इनमें आपराधिक साजिश के साथ सबूत मिटाने के आरोप भी शामिल हैं। 1997 में हुए इस अग्निकांड में 59 लोग मारे गए थे।
दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले से जुड़े न्यायिक दस्तावेजों से छेड़छाड़ के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे रियल एस्टेट कारोबारी सुशील अंसल, गोपाल अंसल और पांच अन्य के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट संजय खनगवाल ने आईपीसी की धारा 109, 201, 409 और 120-बी सहित कई अन्य धाराओं के तहत सातों आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए।
सुशील और गोपाल अंसल के अलावा इस मामले में अनूप सिंह, प्रेम प्रकाश बत्रा, हरस्वरूप पंवार, धरमवीर मल्होत्रा और दिनेश चंद्र शर्मा आरोपी हैं । दिनेश चंद्र शर्मा निचली अदालत का एक बख्रास्त अभिलेख रक्षक था। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 9 अक्तूबर तय कर दी है।
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि 5 मई 2006 को सबूतों से कथित तौर पर हुई छेड़छाड़ के मामले में अलग से मामला दर्ज किया जाए। यह वाकया उस वक्त पेश आया था, जब उपहार कांड में ट्रायल जारी था।
उपहार अग्निकांड में दोषी ठहराए गए सुशील और गोपाल अंसल पर आरोप है कि उन्होंने अभिलेख रक्षक सहित अन्य आरोपियों के साथ मिलकर मामले के न्यायिक दस्तावेजों को नष्ट किया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, उन दस्तावेजों से कथित तौर पर साबित होता था कि घटना के समय उपहार सिनेमा के मालिक अंसल बंधु ही थे। अंसल बंधुओं का दावा रहा है कि वह उपहार सिनेमा के मालिक नहीं हैं।
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