Uttar Pradesh: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले में गन्ना किसानों का भुगतान एक बड़ा मुद्दा है. शामली के थाना भवन विधानसभा से खुद गन्ना मंत्री सुरेश राणा चुनावी मैदान में हैं. हालांकि गन्ना मंत्री अपने विधानसभा के गन्ना बकाए का सवाल टालते दिख रहे हैं. गन्ना किसानों के बकाए पर गन्ना मंत्री और किसानों के दावे अलग अलग हैं. गन्ना मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी सुरेशराणा का शामली के टपराना गांव में पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ. कुछ देर बाद सुरेश राणा यहां शहनवाज से मिलने उनके घर पहुंचे. दरअसल, शामली की तीनों विधानसभा सीटों पर गन्ना मंत्री के लिए गन्ने का बकाया भुगतान सिरदर्दी साबित हो रहा है. जब 'मंत्रीजी' से गन्ना बकाया का सवाल होता है तो वो शामली छोड़ बाकी सूबे के उदाहरण देने लगते हैं.
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इस सवाल पर कि आपके विधानसभा में दो सौ करोड़ रुपए का भुगतान नहीं हुआ है, बीजेपी प्रत्याशी सुरेश राणा ने कहा, 'हमारी सरकार में 90 फीसदी भुगतान हुआ. आप अपनी जानकारी ठीक करें, हम भुगतान करवा रहे हैं.' इस 'काउंटर सवाल' कि आपके विधानसभा में भुगतान हुआ क्या, उन्होंने जवाब दिया-हम लगातार भुगतान करवा रहे हैं, 90 फीसदी हो चुका है. लेकिन जब मंत्रीजी गन्ना भुगतान पर घिरने लगे तो गांव के प्रधान याद आए. लेकिन गांव के प्रधान ने भी साफ किया कि पिछले साल अप्रैल तक का ही गन्ना बकाए का भुगतान हुआ है.
खैर मंत्रीजी के गाड़ियों का काफिला निकला तो गन्ना किसानों ने अपनी परेशानी बताई. उन्होंने कहा कि जब हर चीज का नकद भुगतान होता है जो हमारा भुगतान देर से क्यों किया जाता है. गौरतलब है कि शामली की तीन विधानसभा में से दो पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार गन्ना भुगतान के रूप में विपक्षियों के हाथ में एक बड़ा मुद्दा है. सुरेश राणा के खिलाफ सपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार अशरफ अली भी गन्ना भुगतान को बड़ा मुद्दा मानते हैं.अशरफ अली खान कहते हैं, 'देखिए गन्ना किसानों का भुगतान मुद्दा है. इसके अलावा किसानों-मजदूरों के पलायन का भी मुद्दा है.यहां कोई काम-धंधा नहीं है. चुनाव के चलते गन्ना किसानों का मुद्दा लगातार सुलझाने की बात सुरेश राणा कर रहे हैं. लेकिन जब तक किसानों के भुगतान को नियमित नहीं किया जाएगा हर चुनाव में सियासत के लिए ये मुद्दा कील की तरह चुभता रहेगा.
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