गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित न होने लामबंद हुए किसान, पश्चिमी यूपी में कर रहे महापंचायतें

भारतीय किसान यूनियन ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में की महापंचायत, 20 मार्च को संसद के सामने धरना देने का ऐलान किया

गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित न होने लामबंद हुए किसान, पश्चिमी यूपी में कर रहे महापंचायतें

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली :

उत्तर प्रदेश में गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित न किए जाने और आलू के उचित दाम न मिलने जैसे कई मुद्दों को लेकर पश्चिमी यूपी में लगातार किसान पंचायतें हो रही हैं. पहले राकेश टिकैत की मुजफ्फरनगर में महापंचायत, फिर आज मेरठ में भारतीय किसान यूनियन (BKU ) की महापंचायत हुई. भारतीय किसान यूनियन ने 20 मार्च को संसद के सामने धरना देने का ऐलान भी किया है.

मेरठ के कमिश्नरी चौराहे पर  बुधवार को भारतीय किसान यूनियन की महापंचायत के लिए हजारों किसान जुटे हैं. महीने भर के भीतर पश्चिमी यूपी में यह दूसरी किसान महापंचायत है. इस किसान महापंचायत के जरिए यूपी सरकार पर दबाव डालने की रणनीति है ताकि किसानों की मांग पर सरकार ध्यान दे. 

किसानों की मांग है कि, उत्तर प्रदेश सरकार गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाए, जो अब तक घोषित नहीं हुआ है. चीनी मिलें बकाया गन्ने का भुगतान करें और आलू का समर्थन मूल्य घोषित करके सरकार इसे खरीदे. बिजली की बढ़ती दरों को लेकर किसानों में असंतोष है. इन मुद्दों को लेकर किसान लगातार गोलबंद हो रहे हैं.

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि, ''सरकार ने वादा किया था कि किसानों की आय बढ़ाएंगे. फसलों के उत्पादन की लागत 24 फीसदी बढ़ गई लेकिन गन्ने जैसी फसलों का आज तक समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया गया.'' 

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इससे पहले मुजफ्फरनगर में इन मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन की बैठक राकेश टिकैत के नेतृत्व में हो चुकी है. राकेश टिकैत ने 20 मार्च को संसद घेरने का ऐलान कर रखा है.