उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदान के चरण आगे बढ़ते-बढ़ते विवादित बयानों का सिलसिला तेज होता जा रहा है. ताजा बयान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan)की ओर से आया है, जिन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)की तुलना औरंगजेब से कर दी. शिवराज ने देवरिया की चुनाव रैली में कहा, "औरंगजेब (Aurangzeb) की तरह वो अपने पिता का न हुआ. जो अपने पिता का नहीं हुआ, क्या मतदाता उस पर भरोसा कर सकते हैं." यूपी के देवरिया जिले में हुई रैली में चौहान ने यूपी में 2017 के चुनाव के पहले समाजवादी पार्टी पर नियंत्रण को लेकर अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव के बीच कथित मतभेदों का जिक्र किया.
MP CM @ChouhanShivraj also dubs Akhilesh Yadav Aaj ka #Aurangzeb. "Jo apne baap ka nahi hua, voh aapka kya hoga," says Chouhan #Election2022 #ElectionsWithNDTV pic.twitter.com/vl2s7nj0DS
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) February 20, 2022
अखिलेश और मुलायम के बीच वर्ष 2016 में इस बात को लेकर मतभेद उभरे थे कि पार्टीकी कमान संभालेगा. तब अखिलेश प्रदेश के मुख्यमंत्री भी थे. इसके बाद सपा के चुनाव चिन्ह को लेकर भी रस्साकशी देखी गई. हालांकि अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ चले विवाद के बीच सरकार के साथ पार्टी पर भी अपना वर्चस्व कायम रखने में कामयाब रहे. शिवपाल सिंह ने भी सपा से इस्तीफा देकर नई पार्टी बना ली थी.
मुख्य मंत्री @ChouhanShivraj ने कहा "सपा का मतलब सारा परिवार, मुलायम सिंह यादव जी तीन बार मुख्यमंत्री, सांसद उसके बाद अखिलेश जी,रामगोपाल यादव, डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, अक्षय यादव,तेज प्रताप यादव,शिवपाल यादव,अंशुल यादव #Election2022 pic.twitter.com/DDCkrR7aso
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शिवराज ने कहा, "अखिलेश आज के औरंगजेब हैं, जो अपने बाप का न हुआ, वो जनता का क्या होगा. ये मैंने नहीं कहा है, ये खुद मुलायम सिंह ने कहा था," शिवराज ने कहा, "औरंगजेब ने अपने पिता को कैद किया, अपने भाइयों को मारा. मुलायम सिंह ने खुद कहा था कि जितना उनके बेटे ने उन्हें शर्मिंदा किया, उतना किसी ने नहीं किया. "
गौरतलब है कि यूपी में रविवार को तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान हुआ है. वर्ष 2017 में बीजेपी ने इन सीटों से 49 सीटें जीती थीं. जबकि सपा को सिर्फ 9 सीटों पर ही कामबायी मिली थी. कांग्रेस को इस चरण में 1 और बसपा को एक भी सीट नहीं मिली थी. सबकी नजरें तीसरे चरण में करहल सीट पर भी रहीं, जहां से अखिलेश खुद चुनाव मैदान में थे. बीजेपी ने उनके खिलाफ केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल को चुनाव मैदान में उतारा था. समाजवादी पार्टी यहां सिर्फ 1992 में चुनाव हारी है.
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