मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत को लेकर अभूतपूर्व सुरक्षा, शराब की दुकानें रहेंगी बंद

हापुड़ जनपद में बुलंदशहर, अलीगढ़, अमरोहा,आदि पड़ोसी जनपद के किसानों के से बढ़ने वाले ट्रैफिक को देखते हुए हापुड़ को तीन जोन,दो सुपर जोन और नौ सेक्टर बनाए गए हैं.

मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत को लेकर अभूतपूर्व सुरक्षा, शराब की दुकानें रहेंगी बंद

मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत में भारी भीड़ जुटने की संभावना (प्रतीकात्मक)

नई दिल्ली:

Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat : मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत को देखते हुए पुलिस प्रशासन चौकन्ना हो गया है. किसानों की महापंचायत में भारी भीड़ इकट्ठा होने की संभावना को देखते हुए अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी की है. किसानों की महापंचायत को लेकर हापुड़ में डीएम ने तीन मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं. तीन सेक्टरों में जिला बांटा गया है. हापुड़ डीएम ने पांच सितंबर को जिले की समस्त शराब की दुकानों को बंद रखने आदेश दिए हैं. 5 सितंबर को भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के आह्वान पर मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत को लेकर पुलिस ने सुरक्षा घेरा तैयार कर लिया है. हापुड़ जनपद में बुलंदशहर, अलीगढ़, अमरोहा,आदि पड़ोसी जनपद के किसानों के से बढ़ने वाले ट्रैफिक को देखते हुए हापुड़ को तीन जोन,दो सुपर जोन और नौ सेक्टर बनाए गए हैं.

संयुक्त मोर्चा की अपील पर पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत (Kian Mahapanchayat) हो रही है. इस पंचायत में लाखों किसान जुटने की उम्मीद है. यूपी, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के अलावा कर्नाटक और तमिलनाडु , केरल जैसे राज्यों से भी किसानों के समूह आना शुरू हो गए हैं. गाजीपुर बार्डर पर तमिलनाडु और केरल के अलावा दूसरे राज्यों से भी किसानों के गुट पहुंचे हैं. भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा कि पांच सितंबर की पंचायत को किसान और मजदूर अपने सम्मान से जोड़कर देख रहे हैं. 

किसान लंबे समय से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानूनों को वापस लिया जाए. लेकिन केंद्र सरकार इनमें संशोधन को तैयार है, लेकिन पूरी तरह वापसी के पक्ष में नहीं है. राकेश टिकैत ने कहा कि मुजफ्फरनगर की पंचायत ऐतिहासिक होगी. भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत किसान आंदोलन शुरू होने के बाद अभी तक मुजफ्फरनगर की सीमा में नहीं गए हैं.

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राकेश टिकैत ने बताया कि उन्होंने “बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं” का प्रण लिया है. इसलिए कृषि आंदोलन शुरू होने के बाद आज तक मुजफ्फरनगर नहीं गए. हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा के  अनुरोध पर वह रविवार को मुजफ्फरनगर में बुलाई गई महापंचायत में पहुंचेंगे, लेकिन अपने घर नहीं जाएंगे. भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत के साथ भी किसान आंदोलन के दौरान राकेश टिकैत पहली बार मंच साझा करेंगे.