नई दिल्ली:
रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उसने न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए ब्याज राशि जमा करवा दी है. इसके तहत कंपनी ने अपनी गुड़गांव परियोजना के 39 क्रेताओं की 16.55 करोड़ रुपयेकी राशि पर 14 प्रतिशत की दर से ब्याज राशि जमा करवा दी है. कंपनी की ओर से हाजिर हुए वकीलों ने न्यायाधीश दीपक मिश्रा व न्यायाधीश ए एम खानविलकर की पीठ को सूचित किया कि उन्होंने शीर्ष अदालत के सभी निर्देशों का पालन किया है. न्यायालय ने अपनी रजिस्ट्री से कहा कि वह इस धन का निवेशकों में उचित अनुपात में वितरण करे.
न्यायालय ने 24 अप्रैल को कंपनी से कहा था कि वह 39 मकान क्रेताओं द्वारा निवेश किए गए 16.55 करोड़ रुपयेपर 14 प्रतिशत ब्याज राशि आज तक जमा करवा दे. न्यायालय ने आगाह किया था कि ऐसा नहीं हुआ तो कंपनी की संपत्ति को कुर्क कर दिया जाएगा. यह मामला यूनिटेक की विस्तार आवासीय परियोजना से जुड़ा है.
सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों को एक और बड़ी राहत दी है. बेंच ने 39 निवेशकों को ब्याज की रकम का भुगतान करने का निर्देश देने के साथ-साथ यह भी साफ किया है कि यह राशि करमुक्त होगी. बेंच ने साथ ही यह भी कहा कि ब्याज के तौर पर निवेशकों को मिलने वाली यह रकम मुआवजा का हिस्सा है. मुआवजे की अंतिम राशि क्या होगी, सुप्रीम कोर्ट बाद में यह तय करेगी. अगली सुनवाई अगस्त में होगी.
अदालत ने डवलपर्स को आठ हफ्ते के भीतर सभी निवेशकों को 14 फीसदी ब्याज की रकम(करीब 15 करोड़ रुपये) देने का आदेश दिया था. मामले के मुताबिक, इन निवेशकों ने गुरुग्राम के सेक्टर 70 में यूनिटेक के विस्टा प्रोजेक्ट में फलैट के लिए 2010 में 16.55 करोड़ रुपये जमा किए थे. इन सभी को यूनिटेक ने 2012 में फ्लैट देने का वादा किया था. लेकिन समय पर फ्लैट न देने पर इन निवेशकों ने रकम वापस करने की इच्छा जाहिर की थी. जिसके बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने यूनिटेक से इन निवेशकों को 12 फीसदी ब्याज के साथ मूलधन वापस करने के लिए कहा था. आयोग के इस फैसले को यूनिटेक ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
न्यायालय ने 24 अप्रैल को कंपनी से कहा था कि वह 39 मकान क्रेताओं द्वारा निवेश किए गए 16.55 करोड़ रुपयेपर 14 प्रतिशत ब्याज राशि आज तक जमा करवा दे. न्यायालय ने आगाह किया था कि ऐसा नहीं हुआ तो कंपनी की संपत्ति को कुर्क कर दिया जाएगा. यह मामला यूनिटेक की विस्तार आवासीय परियोजना से जुड़ा है.
सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों को एक और बड़ी राहत दी है. बेंच ने 39 निवेशकों को ब्याज की रकम का भुगतान करने का निर्देश देने के साथ-साथ यह भी साफ किया है कि यह राशि करमुक्त होगी. बेंच ने साथ ही यह भी कहा कि ब्याज के तौर पर निवेशकों को मिलने वाली यह रकम मुआवजा का हिस्सा है. मुआवजे की अंतिम राशि क्या होगी, सुप्रीम कोर्ट बाद में यह तय करेगी. अगली सुनवाई अगस्त में होगी.
अदालत ने डवलपर्स को आठ हफ्ते के भीतर सभी निवेशकों को 14 फीसदी ब्याज की रकम(करीब 15 करोड़ रुपये) देने का आदेश दिया था. मामले के मुताबिक, इन निवेशकों ने गुरुग्राम के सेक्टर 70 में यूनिटेक के विस्टा प्रोजेक्ट में फलैट के लिए 2010 में 16.55 करोड़ रुपये जमा किए थे. इन सभी को यूनिटेक ने 2012 में फ्लैट देने का वादा किया था. लेकिन समय पर फ्लैट न देने पर इन निवेशकों ने रकम वापस करने की इच्छा जाहिर की थी. जिसके बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने यूनिटेक से इन निवेशकों को 12 फीसदी ब्याज के साथ मूलधन वापस करने के लिए कहा था. आयोग के इस फैसले को यूनिटेक ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
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