70 साल बाद एक बार फिर एयर इंडिया टाटा ग्रुप की हो गई. पिछले साल अक्टूबर में टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया की बोली जीती थी. केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने टाटा-एयर इंडिया डील (Tata-Air India Deal) पर NDTV से बताया कि एयर इंडिया बहुत ज्यादा नुकसान में थी और बोझ कर्जदाताओं पर था.यह सही नहीं था. इसलिए यह सौदा हुआ.
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उन्होंने कहा कि यह लेनदेन सभी पक्षों के लिए फायदे का सौदा रहा. एयर इंडिया अब अपने पुराने मालिकों के पास वापस आ गई है. मुझे यकीन है कि उनके प्रबंधन में एयर इंडिया का आगे का भविष्य उज्ज्वल है." गौरतलब है कि सरकार ने दिल्ली में आयोजित एक समारोह में औपचारिक रूप से एयरलाइन को टाटा समूह को सौंप दिया है.
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क्या अब एयर इंडिया नहीं रहेगी भारत की राष्ट्रीय एयरलाइन? इस सवाल के जवाब में सिंधिया ने कहा कि "मुझे लगता है कि एयर इंडिया भारत की राष्ट्रीय एयरलाइन थी, है और हमेशा रहेगी. यह आपके दिल में भारत की राष्ट्रीय एयरलाइन बनी रहेगी. यह मेरे दिल में भारत की राष्ट्रीय एयरलाइन होगी. यह प्रत्येक भारतीय नागरिक के दिल में भारत की राष्ट्रीय एयरलाइन होगी. बता दें कि टाटा ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली 18,000 करोड़ रुपये में जीत ली थी. टाटा ने 2,700 करोड़ रुपये का भुगतान नकद में किया और 15,300 करोड़ रुपये की कर्ज देनदारी अपने ऊपर ली.
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