सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि ऐसे विचाराधीन कैदी, जो संबंधित मामलों में दोषी पाए जाने पर मिलने वाली सजा की आधी अवधि जेल में बिता चुके हैं, उन्हें रिहा किया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि विभिन्न जिलों के न्यायिक अधिकारी सप्ताह में एक बार अपने अधीनस्थ जेलों का दौरा कर ऐसे मामलों का पता लगाएंगे और इस तरह के विचाराधीन कैदियों को रिहा करने के आदेश देंगे।
न्यायालय ने कहा कि 1 अक्टूबर से शुरू होने वाली इस प्रक्रिया में अगले दो माह तक सत्र न्यायाधीश एवं उनके अधीनस्थ न्यायिक अधिकारी ऐसे मामलों की जांच के लिए और विचाराधीन कैदियों की रिहाई के आदेश देने के लिए अपने कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आने वाली जेलों का दौरा करेंगे।
मामले की अगली तारीख 8 दिसंबर तय करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि दो महीने की उक्त प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद उच्च न्यायालयों के महापंजीयक इस पूरी प्रक्रिया और विचाराधीन कैदियों से संबंधित रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भेजेंगे।
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