पुलिस की गिरफ्त में सुकेश चंद्रशेखर
नई दिल्ली:
सुकेश चंद्रशेखर रविवार को दक्षिण दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में तफरी कर रहा था जब अचानक वहां पुलिस पहुंच गई. बेंगलुरु के रहने वाले 27 वर्षीय सुकेश ने कथित रूप से ब्रेसलेट पहन रखी थी जिसकी कीमत 6.5 करोड़ रुपये है. पुलिस ने बताया कि वह बहुत ही शौकीन है और उसके पास से करीब 7 लाख रुपये मूल्य के कई जोड़े जूते भी बरामद हुए हैं.
पुलिस को सुकेश के पास से 1.30 करोड़ रुपये नकद भी मिले हैं जिसके बारे में उसका कहना है कि इन पैसों का उपयोग वह टीटीवी दिनाकरण की तरफ से चुनाव आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए करने वाला था. शशिकला के जेल जाने के बाद फिलहाल तमिलनाडु में सत्ता पर काबिज एआईएडीएमके पार्टी की बागडोर दिनाकरन के हाथों में ही है. दिनाकरन ने कथित रूप से चंद्रशेखर को कहा था कि चुनाव आयोग से एआईएडीएमके का 'दो पत्तियों' वाला चुनाव चिन्ह 'खरीदने' के लिए वह 50 करोड़ रुपये तक खर्च कर सकते हैं.
चंद्रशेखर को दिल्ली पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया था. पुलिस का कहना है कि उन्हें शहर में काले धन के इधर-उधर होने का अलर्ट मिला था. सुकेश दावा करता है कि एआईएडीएमके के चुनाव चिन्ह को हासिल करने के लिए आवंटित 50 करोड़ रुपये में से उसे 10 करोड़ रुपये मिल भी गए ताकि वह दिल्ली में काम आगे बढ़ा सके. हालांकि पुलिस ने स्पष्ट किया कि ऐसे कोई भी सबूत नहीं मिले हैं जो ये बताते हों कि चुनाव आयोग के अधिकारियों से रिश्वत के साथ किसी तरह का कोई संपर्क किया गया हो.
सुकेश के खिलाफ बेंगलुरु और चेन्नई में कम से कम 10 मामले दर्ज हैं जिनमें धोखधड़ी से लेकर ठगी तक के मामले शामिल हैं. पुलिस के अनुसार दिल्ली में भी उसके कई शानदार फार्म हाउस हैं, उसके संपर्क भी काफी तगड़े हैं और दिनाकरन से वो करीब चार सालों से परिचित है.
सुकेश ने 12वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ दी थी. जब वह 17 साल का था तब उसका नाम बेंगलुरु में सरकारी ठेके बेचे जाने के एक घोटाले में सामने आया जिसमें वह ठेकेदारों और सरकारी अधिकारियों के बीच बिचौलिये का काम कर रहा था और अधिकारियों को उन्हीं ठेकेदोरों को चुनने के लिए रिश्वत भी दी गई थी. तब वो नाबालिग था इसलिए उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी. उसके एक साल बाद ऐसे ही एक मामले में उसे चन्नई से गिरफ्तार किया गया और तब उसे जमानत मिलने से पहले कुछ दिन जेल में बिताने पड़े थे.
पुलिस के अनुसार, अपने बिजनेस को उत्तर में भी फैलाने के लिए चंद्रशेखर ने दिल्ली में 2013 में एक कंपनी शुरू की जो कि जाली इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने के धंधे के कारण जल्दी ही 3000 करोड़ मूल्य की हो गई. उसपर भ्रष्टाचार और आपराधिक षडयंत्र का आरोप लगाने वाली पुलिस ने सोमवार को बताया कि वह फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल करता था और खुद को सांसद बताता था. जिस होटल से उसे गिरफ्तार किया गया वहां से उसकी दो कारें भी मिली हैं जिनमें से एक बीएमडब्ल्यू है और एक मर्सिडीज. दोनों ही कारों की लाइसेंस प्लेट पर सांसद होने का फर्जी बोर्ड लगा है.
चंद्रशेखर को मुंबई पुलिस ने साल 2015 में उसकी पत्नी अभिनेत्री लीना मारी पॉल के साथ जालसाजी के एक अलग मामले में कथित रूप से कुछ निवेशकों को ठगने के मामले में गिरफ्तार किया था.
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया, 'चंद्रशेखर ने दिनाकरन के सामने दावा किया था कि दिल्ली में सत्ता के गलियारों में उसकी अच्छी पैठ है. उसने तो यहां तक शेखी बघार रखी थी कि वह एआईएडीएमके नेता शशिकला को बेंगलुरु जेल से बाहर तक निकलवा सकता है.
पुलिस को सुकेश के पास से 1.30 करोड़ रुपये नकद भी मिले हैं जिसके बारे में उसका कहना है कि इन पैसों का उपयोग वह टीटीवी दिनाकरण की तरफ से चुनाव आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए करने वाला था. शशिकला के जेल जाने के बाद फिलहाल तमिलनाडु में सत्ता पर काबिज एआईएडीएमके पार्टी की बागडोर दिनाकरन के हाथों में ही है. दिनाकरन ने कथित रूप से चंद्रशेखर को कहा था कि चुनाव आयोग से एआईएडीएमके का 'दो पत्तियों' वाला चुनाव चिन्ह 'खरीदने' के लिए वह 50 करोड़ रुपये तक खर्च कर सकते हैं.
चंद्रशेखर को दिल्ली पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया था. पुलिस का कहना है कि उन्हें शहर में काले धन के इधर-उधर होने का अलर्ट मिला था. सुकेश दावा करता है कि एआईएडीएमके के चुनाव चिन्ह को हासिल करने के लिए आवंटित 50 करोड़ रुपये में से उसे 10 करोड़ रुपये मिल भी गए ताकि वह दिल्ली में काम आगे बढ़ा सके. हालांकि पुलिस ने स्पष्ट किया कि ऐसे कोई भी सबूत नहीं मिले हैं जो ये बताते हों कि चुनाव आयोग के अधिकारियों से रिश्वत के साथ किसी तरह का कोई संपर्क किया गया हो.
सुकेश के खिलाफ बेंगलुरु और चेन्नई में कम से कम 10 मामले दर्ज हैं जिनमें धोखधड़ी से लेकर ठगी तक के मामले शामिल हैं. पुलिस के अनुसार दिल्ली में भी उसके कई शानदार फार्म हाउस हैं, उसके संपर्क भी काफी तगड़े हैं और दिनाकरन से वो करीब चार सालों से परिचित है.
सुकेश ने 12वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ दी थी. जब वह 17 साल का था तब उसका नाम बेंगलुरु में सरकारी ठेके बेचे जाने के एक घोटाले में सामने आया जिसमें वह ठेकेदारों और सरकारी अधिकारियों के बीच बिचौलिये का काम कर रहा था और अधिकारियों को उन्हीं ठेकेदोरों को चुनने के लिए रिश्वत भी दी गई थी. तब वो नाबालिग था इसलिए उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी. उसके एक साल बाद ऐसे ही एक मामले में उसे चन्नई से गिरफ्तार किया गया और तब उसे जमानत मिलने से पहले कुछ दिन जेल में बिताने पड़े थे.
पुलिस के अनुसार, अपने बिजनेस को उत्तर में भी फैलाने के लिए चंद्रशेखर ने दिल्ली में 2013 में एक कंपनी शुरू की जो कि जाली इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने के धंधे के कारण जल्दी ही 3000 करोड़ मूल्य की हो गई. उसपर भ्रष्टाचार और आपराधिक षडयंत्र का आरोप लगाने वाली पुलिस ने सोमवार को बताया कि वह फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल करता था और खुद को सांसद बताता था. जिस होटल से उसे गिरफ्तार किया गया वहां से उसकी दो कारें भी मिली हैं जिनमें से एक बीएमडब्ल्यू है और एक मर्सिडीज. दोनों ही कारों की लाइसेंस प्लेट पर सांसद होने का फर्जी बोर्ड लगा है.
चंद्रशेखर को मुंबई पुलिस ने साल 2015 में उसकी पत्नी अभिनेत्री लीना मारी पॉल के साथ जालसाजी के एक अलग मामले में कथित रूप से कुछ निवेशकों को ठगने के मामले में गिरफ्तार किया था.
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया, 'चंद्रशेखर ने दिनाकरन के सामने दावा किया था कि दिल्ली में सत्ता के गलियारों में उसकी अच्छी पैठ है. उसने तो यहां तक शेखी बघार रखी थी कि वह एआईएडीएमके नेता शशिकला को बेंगलुरु जेल से बाहर तक निकलवा सकता है.
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