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This Article is From Nov 01, 2020

बीजेपी का "लाइट वर्जन" बनने की कवायद में "कांग्रेस जीरो" बन जाएगी: शशि थरूर

Shashi Tharoor ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता (Secularism) केवल एक शब्द है, सरकार इसे संविधान से निकाल भी देती है तो भी मूलभूत ढांचे के कारण यह धर्मनिरपेक्ष संविधान बना रहेगा.

बीजेपी का "लाइट वर्जन" बनने की कवायद में "कांग्रेस जीरो" बन जाएगी: शशि थरूर
Shashi Tharoor ने कहा, कांग्रेस किसी भी रूप या हिस्से में बीजेपी नहीं है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

कांग्रेस (Congress) सांसद शशि थरूर  (Shashi Tharoor) ने कहा है कि सिद्धांत और व्यवहार दोनों रूप में धर्मनिरपेक्षता (Secularism) खतरे में है. सत्तारूढ़ पार्टी इस शब्द को संविधान से हटाने का प्रयास भी कर सकती है. हालांकि कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि घृणा फैलाने वाली ताकतें देश के धर्मनिरपेक्ष चेहरे को नहीं बदल सकतीं. 

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थरूर ने अपनी नई किताब ''The Battle of Belonging'' को लेकर दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि सेकुलरिज्म भले ही एक शब्द है और सरकार इसे संविधान से निकाल भी देती है, फिर भी मूलभूत ढांचे की वजह से हमारा संविधान सेकुलर ही बना रहेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस (Confress) पार्टी बीजेपी का "लाइट वर्जन" बनने का जोखिम मोल नहीं ले सकती. ऐसी कोई भी कवायद उसे "कांग्रेस जीरो" की ओर ले जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी बीजेपी (BJP) की राजनीतिक विचारधारा का कोई नरम रूप धारण नहीं करने जा रही है. कांग्रेस के भीतर भारत की धर्मनिरपेक्षता की भावना अभी भी गहरी जड़े जमाए हुए है.  

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कांग्रेस के नरम हिन्दुत्व (soft Hindutva) का रुख अपनाए जाने के सवाल पर थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा, वह मानते हैं कि कुछ उदारवादी भारतीयों के लिए यह मुद्दा बेहद गंभीर और वास्तविक चिंता का विषय हो सकता है. लेकिन कांग्रेस पार्टी का रुख बेहद स्पष्ट है कि और वह भाजपा का लाइट वर्जन बनने की इजाजत नहीं दे सकती. मेरे विचार से कांग्रेस ऐसी कोई कोशिश नहीं कर रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कोल्ड ड्रिंक पेप्सी के लाइट वर्जन की तरह पेप्सी लाइट को बीजेपी लाइट और कोक जीरो की कांग्रेस जीरो से तुलना कर इसका तर्क दिया. 

हिन्दूवाद (Hinduism) और हिन्दुत्व (Hindutva) के बीच कांग्रेस द्वारा किए गए अंतर को समझाते हुए थरूर ने कहा, हिन्दूवाद जिसका हम सम्मान करते हैं, वह समग्र औऱ आलोचना से परे है, जबकि हिन्दुत्व एक राजनीतिक विचारधारा है, जो संकीर्ण और दूसरों को अलग करने वाली है. तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर के अनुसार, हम भाजपा की राजनीतिक विचारधारा के नरम रुख वाला कोई रूप धारण नहीं कर रहे. राहुल गांधी ने यह पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है. अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंदिरों में जाकर वह किसी नरम या कट्टर हिन्दुत्व का समर्थन नहीं कर रहे.  उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे को जोर-शोर से उठाती रही है और इसको लेकर वह पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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