संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) का आज (बुधवार, 16 सितंबर को) तीसरा दिन है. तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्यसभा सांसद डेरेक-ओ'ब्रायन (Derek O'Brien) दूसरे दिन भी सरकार पर हमलावर नजर आए. राज्यसभा में कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन पर चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद ने पीएम केयर्स फंड पर निशाना साधा और इसे पीएम केयरलेस फंड करार दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को संकट की इस घड़ी में राज्यों के साथ विनम्रता के साथ तालमेल बिठाकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा, "सरकार को कोविड-19 से लड़ने के लिए राज्यों के साथ विनम्रता से पेश आना चाहिए और इस महामारी का उपयोग लोकतंत्र को एक निरंकुश शासन में बदलने के लिए नहीं करना चाहिए."
ओ'ब्रायन ने लॉकडाउन का तुलना नोटबंदी से करते हुए इसे त्रासदी करार दिया और कहा कि कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए सरकार ने सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर देश में तालाबंदी कर दी. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने न तो इसके लिए कोई तैयारी की थी और न ही राज्यों के साथ विचार-विमर्श कर उसे विश्वास में लिया.
चर्चा के दौरान ओ'ब्रायन ने पीएम केयर्स फंड पर चुटकी ली और कहा, "दुनिया में सबसे अधिक अपारदर्शी, काला धन है, जिसे 'प्रधान मंत्री की सहायता-देखभाल-कम निधि (Prime Minister's Couldn't-Care-Less Fund) कहा जाता है'. इसके बाद उन्होंने कहा, "ओह मैंने नाम गलत कहा है, ओके!"
कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पीएम केयर्स फंड (Prime Minister's Citizen Assistance and Relief in Emergency Situations Fund) की स्थापना इसी साल मार्च के अंतिम हफ्ते में की गई थी, ताकि देश में आपदा, विपदा या आपातकाल की स्थिति से निपटने के लिए इस फंड का इस्तेमाल किया जा सके। यह एक चैरिटेबल ट्रस्ट है जिसमें पीएम मोदी के अलावा केंद्र सरकार के कई कैबिनेट मंत्री सदस्य हैं. विपक्ष लगातार इस फंड की ऑडिट की मांग करता रहा है और आरोप लगाता रहा है कि फंड में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी है. ब्रायन ने कल भी पीएम मोदी पर हमला बोला था और कहा था कि चीनी राष्ट्रपति को ढोकला खिलाने का नतीजा है लद्दाख में चीनी घुसपैठ.
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