कोलकाता:
तृणमूल कांग्रेस ने अपने गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के खिलाफ पहली बार राजनीतिक सभा आयोजित करते हुए सोमवार को कहा कि कांग्रेस पश्चिम बंगाल की गठबंधन सरकार से बाहर जाने के लिए अपना तरीका चुनने के लिए स्वतंत्र है।
उधर राज्य कांग्रेस इकाई ने कहा कि उनकी पार्टी ममता बनर्जी मंत्रिमंडल में ‘किसी की दया’ पर नहीं हैं और जब उनका नेतृत्व गठबंधन छोड़ने को कहेगा, उसका पालन किया जाएगा।
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कांग्रेसी सांसद दीपा दासमुंशी द्वारा दिये गये बयान के संबंध में जनसभा में कहा, ‘उनमें से कुछ (कांग्रेसी नेता) कह रहे हैं कि पार्टी पीछे वाले नहीं बल्कि मुख्य दरवाजे से बाहर जाएगी। हम उन्हें बताना चाहते हैं कि उनके लिए सभी दरवाजे खुले हैं।’ चटर्जी ने दावा किया कि कांग्रेस राजनीतिक रूप से जीवित रहने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की छवि का फायदा उठा रही है।
उन्होंने कहा, ‘अगर उनमें दम है तो वे ममता के फोटो के बिना चुनाव का सामना करके दिखाएं और साबित करें कि वे अकेले जीत सकते हैं।’ शनिवार को कांग्रेस को राज्य में गठबंधन सरकार से बाहर जाने की चुनौती देने वालीं मुख्यमंत्री ममता इस जनसभा में शामिल नहीं हुईं। हालांकि तृणमूल के कई सांसदों सहित अन्य शीर्ष नेता यहां मौजूद थे।
चटर्जी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में कृषि और उद्योग क्षेत्र में किये जा रहे विकास कार्यों को रोकने के लिए कांग्रेस और माकपा मिल गये हैं। मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस को साफतौर पर घोषित करना चाहिए कि वह माकपा के साथ जाना चाहती है या तृणमूल के साथ बने रहना चाहती है। हम छल कपट बर्दाश्त नहीं करेंगे।’ कांग्रेस-तृणमूल गठबंधन के बीच जारी वाक्युद्ध के बीच ममता बनर्जी सरकार में कांग्रेस के एक मंत्री ने तृणमूल कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि वह संयम बरतें और ‘राजधर्म’ निभाएं।
लघु उद्योग राज्यमंत्री मनोज चक्रवर्ती ने कहा, ‘हम गठबंधन सहयोगी की तरह चुनाव लड़े और सत्ता में आए। हम किसी की दया से यहां नहीं हैं। कांग्रेस टॉम, डिक, हैरी की पार्टी नहीं है। यह अखिल भारतीय पार्टी है। इसने हमें भेजा है (सरकार में)। जब हमारी पार्टी मंत्रिमंडल छोड़ने को कहेगी तो हम टूटे हुए चप्पल की तरह इसे छोड़ देंगे।’
उधर राज्य कांग्रेस इकाई ने कहा कि उनकी पार्टी ममता बनर्जी मंत्रिमंडल में ‘किसी की दया’ पर नहीं हैं और जब उनका नेतृत्व गठबंधन छोड़ने को कहेगा, उसका पालन किया जाएगा।
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कांग्रेसी सांसद दीपा दासमुंशी द्वारा दिये गये बयान के संबंध में जनसभा में कहा, ‘उनमें से कुछ (कांग्रेसी नेता) कह रहे हैं कि पार्टी पीछे वाले नहीं बल्कि मुख्य दरवाजे से बाहर जाएगी। हम उन्हें बताना चाहते हैं कि उनके लिए सभी दरवाजे खुले हैं।’ चटर्जी ने दावा किया कि कांग्रेस राजनीतिक रूप से जीवित रहने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की छवि का फायदा उठा रही है।
उन्होंने कहा, ‘अगर उनमें दम है तो वे ममता के फोटो के बिना चुनाव का सामना करके दिखाएं और साबित करें कि वे अकेले जीत सकते हैं।’ शनिवार को कांग्रेस को राज्य में गठबंधन सरकार से बाहर जाने की चुनौती देने वालीं मुख्यमंत्री ममता इस जनसभा में शामिल नहीं हुईं। हालांकि तृणमूल के कई सांसदों सहित अन्य शीर्ष नेता यहां मौजूद थे।
चटर्जी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में कृषि और उद्योग क्षेत्र में किये जा रहे विकास कार्यों को रोकने के लिए कांग्रेस और माकपा मिल गये हैं। मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस को साफतौर पर घोषित करना चाहिए कि वह माकपा के साथ जाना चाहती है या तृणमूल के साथ बने रहना चाहती है। हम छल कपट बर्दाश्त नहीं करेंगे।’ कांग्रेस-तृणमूल गठबंधन के बीच जारी वाक्युद्ध के बीच ममता बनर्जी सरकार में कांग्रेस के एक मंत्री ने तृणमूल कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि वह संयम बरतें और ‘राजधर्म’ निभाएं।
लघु उद्योग राज्यमंत्री मनोज चक्रवर्ती ने कहा, ‘हम गठबंधन सहयोगी की तरह चुनाव लड़े और सत्ता में आए। हम किसी की दया से यहां नहीं हैं। कांग्रेस टॉम, डिक, हैरी की पार्टी नहीं है। यह अखिल भारतीय पार्टी है। इसने हमें भेजा है (सरकार में)। जब हमारी पार्टी मंत्रिमंडल छोड़ने को कहेगी तो हम टूटे हुए चप्पल की तरह इसे छोड़ देंगे।’
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