यह ख़बर 03 अप्रैल, 2014 को प्रकाशित हुई थी

शक्ति मिल गैंगरेप : दोनों मामलों में शामिल तीनों दोषियों को हो सकती है फांसी की सजा

शक्ति मिल का सुनसान परिसर

मुंबई:

एक सत्र अदालत ने आईपीसी की एक संशोधित धारा के तहत शक्ति मिल फोटो पत्रकार गैंगरेप मामले में तीन लोगों को दोषी ठहराया। संशोधित धारा के तहत अपराध के दोहराव के लिए मृत्युदंड भी मिल सकता है।

प्रधान सत्र न्यायाधीश शालिनी फंसालकर-जोशी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (ई) (बलात्कार के अपराध का दोहराव) के तहत आरोपी - विजय जाधव (19), कासिम बंगाली (21) और मोहम्मद सलीम अंसारी (28) को दोषी ठहराया।

इससे पहले, तीनों को शक्ति मिल परिसर में एक टेलीफोन ऑपरेटर के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में भी दोषी करार दिया गया था और इस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। 2012 के दिल्ली गैंगरेप के बाद प्रभाव में आई बलात्कार आरोप संशोधित धारा 376 (ई) के तहत अधिकतम सजा मृत्युदंड हो सकती है। अदालत शुक्रवार को दलीलें सुनने के बाद सजा सुना सकती है।

अदालत ने पिछले महीने धारा 376 (ई) के तहत तीनों के खिलाफ अतिरिक्त आरोप तय किए थे। 18-वर्षीय टेलीफोन ऑपरेटर के साथ पिछले साल जुलाई में शक्ति मिल परिसर में सामूहिक बलात्कार किया गया था। इसके बाद 22 अगस्त को फोटो पत्रकार के साथ भी यहां इसी तरह की घटना हुई। टेलीफोन ऑपरेटर के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में पहले ही तीनों लोगों को उम्रकैद की सजा दी जा चुकी है।

22 साल की फोटो पत्रकार काम के सिलसिले में अपने एक सहयोगी के साथ मध्य मुंबई में स्थित शक्ति मिल के परिसर में गई थी, जहां विजय जाधव, कासिम बंगाली, सलीम अंसारी, सिराज रहमान और एक नाबालिग लड़के ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया।


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