देश के 14 राज्यों-UT में COVID-19 के 5,000 से कम केस, इन 5 राज्यों से हैं 62% एक्टिव केस 

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने कहा कि टेस्टिंग ज़्यादा कर रहे हैं इसलिए भी मामले बढ़ रहे हैं, जहां भी शक होता है वहां टेस्ट कर रहे हैं.

देश के 14 राज्यों-UT में COVID-19 के 5,000 से कम केस, इन 5 राज्यों से हैं 62% एक्टिव केस 

60 प्रतिशत से ज्यादा एक्टिव केस सिर्फ 5 राज्यों से (फाइल फोटो)

खास बातें

  • टेस्टिंग ज़्यादा कर रहे हैं इसलिए भी मामले बढ़ रहे हैं : पॉल
  • 14 राज्यों/UT में 5,000 से कम मामले
  • कुल मौत का 70% सिर्फ 5 राज्यों में
नई दिल्ली:

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल मौजूद रहे. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि देश में 5 करोड़ टेस्ट हो गए, अब हमसे ज्यादा टेस्ट करने वाला बस एक ही देश है. 10 लाख से ज़्यादा टेस्ट पिछले एक हफ्ते में रोज़ाना हुए. 33 लाख से ज़्यादा मरीज़ ठीक हुए हैं. 23 मई तक 50 हज़ार लोग ठीक हुए थे, अब 33 लाख ठीक हो चुके हैं. देश में एक्टिव मामले कम हो रहे हैं. प्रति मिलियन मौत का आंकड़ा 53 है, दुनिया में यह 115 है. डेथ रेट अगस्त के 2.15% से 1.70 प्रतिशत पर आ गई हैं. 

5 राज्यों में 62% एक्टिव मामले हैं

महाराष्ट्र- 27 प्रतिशत
Andhara- 11.08
कर्नाटक- 10.98
उत्तर प्रदेश- 7.03
तमिलनाडु- 5.80

बाकी 38.26%

14 राज्यों/UT में 5,000 से कम मामले

लक्षदीप
दादरा नगर हवेली
अंडमान
मिज़ोरम
सिक्किम 
लद्दाख
गोआ
चंडीगढ़
हिमाचल
पुड्डुचेरी

कुल मौत का 70% सिर्फ 5 राज्यों में

महाराष्ट्र- 37.14
तमिलनाडु- 10.89
कर्नाटक- 8.98
आंध्र- 6.17
उत्तर प्रदेश 5.46

बाकी- 31.37%

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने कहा कि टेस्टिंग ज़्यादा कर रहे हैं इसलिए भी मामले बढ़ रहे हैं, जहां भी शक होता है वहां टेस्ट कर रहे हैं डेथ रेट कम हो रहे हैं, रिकवरी बढ़ रही है लेकिन हां मामले ज़रूर बढ़ रहे हैं हमें ऐसा माहौल बनाना है कि टेस्टिंग से लोग डरे नहीं. ऐसा सुनने में आ रहा है कि लक्षण के बाद भी लोग टेस्ट नहीं करा रहे अगर आप पॉजिटिव हैं तो अपना और अपने परिवार और आसपास वाले को खतरे में डाल रहे हैं टेस्ट कराएं और सबको फेस करें. टेस्टिंग से न डरें. उन्होंने कहा कि अब टेस्टिंग ऑन डिमांड है, डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन की ज़रूरत नहीं है.

पॉल ने कहा कि व्यवस्था खुलने से वायरस को ट्रेवल करने में आसानी हो रही है. लोग अब अनुशासन भी खो रहे हैं विनती है कि मास्क ज़रूर पहने, दो ग़ज़ की दूरी बनानी है और एहतियात बरतें. बड़ी गैदरिंग से बचने की कोशिश करें. इम्युनिटी बढ़ाने पर काम करें, थूकना नहीं. सरकारों से शिकायत मिल रही है क़ि जनता लापरवाह हो रही है. मीडिया, राज्य सरकार, NGO लोगों को बताएं कि लापरवाही ना बरतें. इससे समय लापरवाही हुई तो डैमेज होगा.

रूस की Sputnik V वैक्सीन पर डॉ वी के पॉल ने कहा कि रूस ने बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग के लिए एप्रोच किया है. ट्रायल के लिए उनकी रिक्वेस्ट है, वो हमारे दोस्त हैं हमने इस बारे में कंपनियों को से बात की है, 3-4 कंपनियों ने रेस्पांड कियी है. दोनो मामले में प्रगति हुई है. ये सबके लिए विन विन सिचुएशन है.

डॉ वी के पॉल वैक्सीन पर कहा कि सीरम इंस्टीटूट की वैक्सीन का फेज 3 ट्रायल 1600 लोगों पर होगा. यह ट्रायल 17 जगहों पर अगले हफ्ते से होगा. भारत बायो टेक की वैक्सीन का दूसरे स्टेज शुरू हो रहा है. Zydus कैडिला का फेज 2 चल रहा है.

स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि हमारा राज्यों सरकारों से निवेदन है कि जो भी RAT नेगेटिव आये और उसको लक्षण हो तो उसका RT-PCR टेस्ट कराया जाएं. अगर 100 लोग भी ऐसे छूट गए तो वो संक्रमण फैलाएंगे हमने पाया कि कुछ स्टेट्स में लक्षण होने के बाद भी RT-PCR नहीं हुआ और लोग छूट गए. कुछ राज्यों में यह भी देखा गया कि कॉन्टेक्ट्स ट्रेसिंग ठीक से नहीं हो रही थी. 

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