सरहद पर तैनात तेज बहादुर ने दुनिया को बताया कि जान की बाजी लगाने वाले जवान कैसा खाना खाते हैं
नई दिल्ली:
सीमा पर तैनात सेना के जवान तेजबहादुर यादव का वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आई सेना और सरकार अपने-अपने तरीकों से मामले को निपटाने में लगे हैं. जांच के बाद सेना ने माना है कि भोजन बनाने और उसकी स्वच्छ ढंग से आपूर्ति तथा स्थापित नियमों के अनुसार निर्धारित गुणवत्ता को लेकर कुछ कमियां पाई गई हैं.
बीएसएफ ने सीमा पर तैनात जवानों दिए जाने वाले भोजन की क्वालिटी कायम रखने के निर्देश दिए हैं. उधर, गृहमंत्रालय ने तेजबहादुर के आरोपों पर बीएसएफ से विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.
सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक केके शर्मा ने बुधवार को केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि से मुलाकात की और तेजबहादुर यादव के आरोपों पर एक दूसरी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी. शाम को अद्धसैनिक बल ने एक बयान जारी कर सीमा पर तैनात जवानों को उच्च गुणवत्ता वाला भोजन उपलब्ध कराने के लिए छह उपायों की घोषणा की.
बयान में कहा गया कि जवानों के भोजन से संबंधित मुद्दे, रसद खरीद प्रक्रिया से जुड़े मुद्दे तथा बाद में उनका दुरूपयोग किसी भी संगठन के लिए चिंता का मुख्य विषय होते हैं. बयान में कहा गया है कि बीएसएफ ने इस मामले में तमाम बिंदुओं की जांच करने के बाद समुचित कार्रवाई शुरू कर दी है.
बीएसएफ ने जो अन्य कदम उठाए हैं उनमें वर्तमान व्यवस्था की कमियों का पता लगाना, प्रक्रियागत एवं व्यवस्थागत सुधारों का सुझाव देने, दोहरी जांच के प्रति सतर्कता, जवानों के साथ औपचारिक एवं अनौपचारिक परिसंवाद, तथा सभी मैसों में नकदीरहित लेनदेन सुनिश्चित करने के कदम शामिल हैं.
बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय को स्वयं यह अंतरिम रिपोर्ट सौंपी. केके शर्मा ने सरकार को सूचित किया कि बल के पश्चिमी मोर्चा कमांडर (अतिरिक्त डीजी) तथा एक डाइटीशियन को जम्मू-कश्मीर की उस सीमा चौकी पर विस्तृत जांच के लिए भेजा गया जहां जवान तेज बहादुर यादव तैनात था. इसमें कहा गया कि वीडियो में दिखाई गई दाल डब्बाबंद खाद्य रसद से निकाली गई थी तथा ऊंचाई वाले स्थानों के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए यूनिट मैस में परांठा बनाया गया था.
अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट में भोजन बनाने और उसकी स्वच्छ ढंग से आपूर्ति तथा स्थापित नियमों के अनुसार निर्धारित गुणवत्ता को लेकर कुछ कमियां पाई गई हैं.
अधिकारियों ने कहा कि रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि यादव द्वारा वीडियो में दिखाई दाल राजौरी की सीमा चौकी पर भेजे गए डब्बाबंद भोजन रसद आपूर्ति से डब्बा खोलकर निकाली गई थी. इस दाल में मसाले या जीरा नहीं था.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दाल एवं रोटी के नियमित दोपहर एवं रात्रि भोजन के अलावा यूनिट मैस में कुछ अवसरों पर मछली सालन बनता है. यह बात यादव द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में भी देखी जा सकती है.
अधिकारियों ने बताया कि नियंत्रण रेखा की उक्त चौकी पर रसद सेना द्वारा उपलब्ध कराई जाती है और बीएसएफ के संबंधित जवान उसे पकाते हैं.
उधर, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि सरकार ने सीमा की प्रत्येक चौकी पर विशेषज्ञों एवं डाइटीशियनों को भेजा है ताकि नियमों के मुताबित जवानों के लिए भोजन गुणवत्ता सुनिश्चत हो सके.
बीएसएफ ने सीमा पर तैनात जवानों दिए जाने वाले भोजन की क्वालिटी कायम रखने के निर्देश दिए हैं. उधर, गृहमंत्रालय ने तेजबहादुर के आरोपों पर बीएसएफ से विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.
सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक केके शर्मा ने बुधवार को केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि से मुलाकात की और तेजबहादुर यादव के आरोपों पर एक दूसरी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी. शाम को अद्धसैनिक बल ने एक बयान जारी कर सीमा पर तैनात जवानों को उच्च गुणवत्ता वाला भोजन उपलब्ध कराने के लिए छह उपायों की घोषणा की.
बयान में कहा गया कि जवानों के भोजन से संबंधित मुद्दे, रसद खरीद प्रक्रिया से जुड़े मुद्दे तथा बाद में उनका दुरूपयोग किसी भी संगठन के लिए चिंता का मुख्य विषय होते हैं. बयान में कहा गया है कि बीएसएफ ने इस मामले में तमाम बिंदुओं की जांच करने के बाद समुचित कार्रवाई शुरू कर दी है.
बीएसएफ ने जो अन्य कदम उठाए हैं उनमें वर्तमान व्यवस्था की कमियों का पता लगाना, प्रक्रियागत एवं व्यवस्थागत सुधारों का सुझाव देने, दोहरी जांच के प्रति सतर्कता, जवानों के साथ औपचारिक एवं अनौपचारिक परिसंवाद, तथा सभी मैसों में नकदीरहित लेनदेन सुनिश्चित करने के कदम शामिल हैं.
बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय को स्वयं यह अंतरिम रिपोर्ट सौंपी. केके शर्मा ने सरकार को सूचित किया कि बल के पश्चिमी मोर्चा कमांडर (अतिरिक्त डीजी) तथा एक डाइटीशियन को जम्मू-कश्मीर की उस सीमा चौकी पर विस्तृत जांच के लिए भेजा गया जहां जवान तेज बहादुर यादव तैनात था. इसमें कहा गया कि वीडियो में दिखाई गई दाल डब्बाबंद खाद्य रसद से निकाली गई थी तथा ऊंचाई वाले स्थानों के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए यूनिट मैस में परांठा बनाया गया था.
अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट में भोजन बनाने और उसकी स्वच्छ ढंग से आपूर्ति तथा स्थापित नियमों के अनुसार निर्धारित गुणवत्ता को लेकर कुछ कमियां पाई गई हैं.
अधिकारियों ने कहा कि रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि यादव द्वारा वीडियो में दिखाई दाल राजौरी की सीमा चौकी पर भेजे गए डब्बाबंद भोजन रसद आपूर्ति से डब्बा खोलकर निकाली गई थी. इस दाल में मसाले या जीरा नहीं था.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दाल एवं रोटी के नियमित दोपहर एवं रात्रि भोजन के अलावा यूनिट मैस में कुछ अवसरों पर मछली सालन बनता है. यह बात यादव द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में भी देखी जा सकती है.
अधिकारियों ने बताया कि नियंत्रण रेखा की उक्त चौकी पर रसद सेना द्वारा उपलब्ध कराई जाती है और बीएसएफ के संबंधित जवान उसे पकाते हैं.
उधर, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि सरकार ने सीमा की प्रत्येक चौकी पर विशेषज्ञों एवं डाइटीशियनों को भेजा है ताकि नियमों के मुताबित जवानों के लिए भोजन गुणवत्ता सुनिश्चत हो सके.
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