
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मसूद अजहर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हाफिज़ सईद और मसूद अज़हर जैसे आतंकियों की खुली धमकियों पर सरकार ने कहा है कि कम बोलने वालों और ज़्यादा बोलने वालों में फर्क क्या होता है ये दुनिया को पता चल चुका है.
जैश ए मोहम्मद ने अपनी वीकली पत्रिका अल-कलाम में भारत को खुले आम धमकी दी थी. मसूद अज़हर ने पाकिस्तानी सरकार से मांग की थी कि जेहादियों को भारत के खिलाफ खुल कर ऑपरेशन करने की इजाज़त दे.
पाकिस्तान में आतंकी हाफिज़ मोहम्मद सईद और मसूद अज़हर दोनों सर्जिकल स्ट्राइक के बाद डर के मारे इन दिनों सेना की हिफाजत में हैं. जैश के साप्ताहिक अल-कलाम में मसूद अज़हर ने लिखा है कि पाकिस्तान सरकार थोड़ा साहस दिखाए तो कश्मीर और पानी की समस्या हमेशा के लिये हल हो सकती है. यदि और कुछ नहीं तो पाकिस्तानी सरकार को केवल मुजाहिदीनों के लिये रास्ता खोलना है.
1971 की कड़वी यादें 2016 में जीत की ख़ुशी में तब्दील हो जाएंगी. स्पष्ट निर्णय लेने की क्षमता के अभाव के कारण पाकिस्तान कश्मीर को पाने का एतिहासिक अवसर चूक सकता है. अज़हर के इस बड़बोलेपन पर बीएसएफ के सेमिनार में आए गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर न कहा कि सरकार अपनी ताकत बता चुकी है. ऐसा कहना इनकी आदत बन चुका है. बहुत सारी बातें करने वालों में और कम बोलने वालों में क्या अंतर होता है यह सबने देख लिया है.
वैसे बीएसएफ के पूर्व डीजी प्रकाश सिंह ने कहा ये पुराने पापी हैं, इतनी आसानी से मानने वाले नहीं हैं. खासकर अभी हमारे यहां त्योहारों का मौसम है, ऐसे में हमें इनकी धमकियों से सावधान रहने की जरुरत है. साफ है आतंकियों के इन सरगनाओं को अपनी मौजूदगी के बनाए रखने के लिए ऐसी धमकी देना उनकी मजबूरी भी है अन्यथा इनको कौन पूछेगा.
जैश ए मोहम्मद ने अपनी वीकली पत्रिका अल-कलाम में भारत को खुले आम धमकी दी थी. मसूद अज़हर ने पाकिस्तानी सरकार से मांग की थी कि जेहादियों को भारत के खिलाफ खुल कर ऑपरेशन करने की इजाज़त दे.
पाकिस्तान में आतंकी हाफिज़ मोहम्मद सईद और मसूद अज़हर दोनों सर्जिकल स्ट्राइक के बाद डर के मारे इन दिनों सेना की हिफाजत में हैं. जैश के साप्ताहिक अल-कलाम में मसूद अज़हर ने लिखा है कि पाकिस्तान सरकार थोड़ा साहस दिखाए तो कश्मीर और पानी की समस्या हमेशा के लिये हल हो सकती है. यदि और कुछ नहीं तो पाकिस्तानी सरकार को केवल मुजाहिदीनों के लिये रास्ता खोलना है.
1971 की कड़वी यादें 2016 में जीत की ख़ुशी में तब्दील हो जाएंगी. स्पष्ट निर्णय लेने की क्षमता के अभाव के कारण पाकिस्तान कश्मीर को पाने का एतिहासिक अवसर चूक सकता है. अज़हर के इस बड़बोलेपन पर बीएसएफ के सेमिनार में आए गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर न कहा कि सरकार अपनी ताकत बता चुकी है. ऐसा कहना इनकी आदत बन चुका है. बहुत सारी बातें करने वालों में और कम बोलने वालों में क्या अंतर होता है यह सबने देख लिया है.
वैसे बीएसएफ के पूर्व डीजी प्रकाश सिंह ने कहा ये पुराने पापी हैं, इतनी आसानी से मानने वाले नहीं हैं. खासकर अभी हमारे यहां त्योहारों का मौसम है, ऐसे में हमें इनकी धमकियों से सावधान रहने की जरुरत है. साफ है आतंकियों के इन सरगनाओं को अपनी मौजूदगी के बनाए रखने के लिए ऐसी धमकी देना उनकी मजबूरी भी है अन्यथा इनको कौन पूछेगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
जैश ए मोहम्मद, मसूद अजहर, सर्जिकल स्ट्राइक, गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर, Jaish E Mohammed, Surgical Strike, Hansraj Gangaram Ahir