
राहुल गांधी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
शुक्रवार को संसद में सरकार ने एक और बिल को मनी बिल बताकर राज्यसभा में उस पर वोटिंग करवाने से इनकार कर दिया. इसके बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने राज्यसभा में सदन के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली पर गुमराह करने का आरोप लगाया और विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाने की बात कही.
आंध्र प्रदेश के पांच करोड़ लोग ठगे जा रहे
उधर राहुल गांधी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि उनके लिए एक रिमाइंडर है. आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेटस का दर्जा 2014 में संसद ने दिया था. आज आंध्र प्रदेश के पांच करोड़ लोग खुद को बीजेपी और टीडीपी द्वारा ठगे जाते देख रहे हैं. अपने ट्वीट के साथ राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह की ओर से संसद में दिए बयान का वीडियो भी टैग किया.
शुक्रवार को राज्यसभा में मुद्दा आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए कानून में संशोधन का था ताकि राज्य को नई योजनाओं और विशेष दर्जे का फायदा मिले. यह विधेयक कांग्रेस के केवीपी रामाचंद्र राव की ओर से प्राइवेट मेंबर बिल के तौर पर लाया गया. संसद में अरसे बाद बोलने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी खड़े हुए, जिनके वक्त में फरवरी 2014 में पहली बार यह बिल लाया गया था. प्राइवेट मेंबर बिल के जरिए इस कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया जाना था लेकिन सरकार ने वोटिंग से पहले कह दिया कि यह मनी बिल है इसलिए इस पर फैसला राज्यसभा में नहीं हो सकता.
जेटली के उत्तर पर भड़का विपक्ष
सदन के नेता अरुण जेटली ने कहा “संविधान निर्माताओं ने कुछ अधिकार केवल राज्यसभा को दिए हैं. वित्त विधेयक यानी मनी बिल को राज्यसभा से पास नहीं कराया जा सकता. इस पर अगर विवाद हो उसका फैसला स्पीकर (लोकसभा अध्यक्ष) ही कर सकती हैं.” विपक्ष और खासतौर से कांग्रेस पार्टी इस पर भड़क गई. जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने पहले ही आधार बिल को मनी बिल बनाया. फिर जीएसटी बिल के लिए यह भरोसा नहीं दिया कि उसे मनी बिल बनाकर नहीं लाएगी. पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार हर बिल को मनी बिल बताकर राज्यसभा से बचा रही है क्योंकि इस सदन में उसके पास बहुमत नहीं है.
इससे पहले आधार बिल और जीएसटी बिल को लेकर संसद में विवाद हो चुका है. आधार बिल को मनी बिल के रूप में पास कराए जाने को अदालत में चुनौती दी गई है और कोर्ट को इस पर फैसला सुनाना है. दूसरी ओर जीएसटी बिल के लिए लाए गए संविधान संशोधन बिल पर बहस के दौरान बुधवार को कांग्रेस और सभी पार्टियों ने सरकार से भरोसा मांगा था कि सरकार मूल जीएसटी बिल को मनी बिल बनाकर नहीं लाएगी. इस पर वित्तमंत्री जेटली ने कोई ऐसा वादा करने से इनकार कर दिया.
सरकार हर बिल को घोषित कर सकती है मनी बिल
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को कहा कि सदन के नेता अरुण जेटली के बयान के हिसाब से सरकार हर बिल को मनी बिल घोषित कर सकती है क्योंकि हर कानून के बनने के बाद किसी न किसी स्तर पर पैसे का खर्च होता ही है. सिब्बल ने उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार अगर विश्वविद्यालयों के लिए कोई कानून बनाए तो वह मनी बिल नहीं है, लेकिन उस बिल में निर्धारित किसी योजना के लिए बाद में सरकारी कोष से पैसा निकालने की जरूरत हो सकती है. तब अगर उस वक्त सरकार उस प्रावधान के लिए कोई कानून लाए तो उसे मनी बिल कहा जाएगा.
कांग्रेस के सांसदों ने की नारेबाजी
इस बीच राज्यसभा के उप-सभापति कुरियन ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए बिल को अंतिम फैसले के लिए स्पीकर के पास भेज दिया. बिल पर वोटिंग न किए जाने से भड़के कांग्रेसी सांसद वैल में आ गए और नारेबाजी की. कांग्रेस कहती रही कि सदन के नेता अरुण जेटली ने सदन को गुमराह किया और वह विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाएगी. केवीपी रामाचंद्र राव ने कहा कि सोमवार को जयराम रमेश, अरुण जेटली के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देंगे.
आंध्र प्रदेश के पांच करोड़ लोग ठगे जा रहे
उधर राहुल गांधी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि उनके लिए एक रिमाइंडर है. आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेटस का दर्जा 2014 में संसद ने दिया था. आज आंध्र प्रदेश के पांच करोड़ लोग खुद को बीजेपी और टीडीपी द्वारा ठगे जाते देख रहे हैं. अपने ट्वीट के साथ राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह की ओर से संसद में दिए बयान का वीडियो भी टैग किया.
Modiji a reminder:The decision 2grant Spl Category Status 2Andhra was taken by the Parl of this country in 2014(1/2)https://t.co/kUggVfpMFd
— Office of RG (@OfficeOfRG) August 5, 2016
आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए बिलToday 5cr ppl of Andhra are watching BJP-TDP betray them (2/2)
— Office of RG (@OfficeOfRG) August 5, 2016
शुक्रवार को राज्यसभा में मुद्दा आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए कानून में संशोधन का था ताकि राज्य को नई योजनाओं और विशेष दर्जे का फायदा मिले. यह विधेयक कांग्रेस के केवीपी रामाचंद्र राव की ओर से प्राइवेट मेंबर बिल के तौर पर लाया गया. संसद में अरसे बाद बोलने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी खड़े हुए, जिनके वक्त में फरवरी 2014 में पहली बार यह बिल लाया गया था. प्राइवेट मेंबर बिल के जरिए इस कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया जाना था लेकिन सरकार ने वोटिंग से पहले कह दिया कि यह मनी बिल है इसलिए इस पर फैसला राज्यसभा में नहीं हो सकता.
जेटली के उत्तर पर भड़का विपक्ष
सदन के नेता अरुण जेटली ने कहा “संविधान निर्माताओं ने कुछ अधिकार केवल राज्यसभा को दिए हैं. वित्त विधेयक यानी मनी बिल को राज्यसभा से पास नहीं कराया जा सकता. इस पर अगर विवाद हो उसका फैसला स्पीकर (लोकसभा अध्यक्ष) ही कर सकती हैं.” विपक्ष और खासतौर से कांग्रेस पार्टी इस पर भड़क गई. जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने पहले ही आधार बिल को मनी बिल बनाया. फिर जीएसटी बिल के लिए यह भरोसा नहीं दिया कि उसे मनी बिल बनाकर नहीं लाएगी. पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार हर बिल को मनी बिल बताकर राज्यसभा से बचा रही है क्योंकि इस सदन में उसके पास बहुमत नहीं है.
इससे पहले आधार बिल और जीएसटी बिल को लेकर संसद में विवाद हो चुका है. आधार बिल को मनी बिल के रूप में पास कराए जाने को अदालत में चुनौती दी गई है और कोर्ट को इस पर फैसला सुनाना है. दूसरी ओर जीएसटी बिल के लिए लाए गए संविधान संशोधन बिल पर बहस के दौरान बुधवार को कांग्रेस और सभी पार्टियों ने सरकार से भरोसा मांगा था कि सरकार मूल जीएसटी बिल को मनी बिल बनाकर नहीं लाएगी. इस पर वित्तमंत्री जेटली ने कोई ऐसा वादा करने से इनकार कर दिया.
सरकार हर बिल को घोषित कर सकती है मनी बिल
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को कहा कि सदन के नेता अरुण जेटली के बयान के हिसाब से सरकार हर बिल को मनी बिल घोषित कर सकती है क्योंकि हर कानून के बनने के बाद किसी न किसी स्तर पर पैसे का खर्च होता ही है. सिब्बल ने उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार अगर विश्वविद्यालयों के लिए कोई कानून बनाए तो वह मनी बिल नहीं है, लेकिन उस बिल में निर्धारित किसी योजना के लिए बाद में सरकारी कोष से पैसा निकालने की जरूरत हो सकती है. तब अगर उस वक्त सरकार उस प्रावधान के लिए कोई कानून लाए तो उसे मनी बिल कहा जाएगा.
कांग्रेस के सांसदों ने की नारेबाजी
इस बीच राज्यसभा के उप-सभापति कुरियन ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए बिल को अंतिम फैसले के लिए स्पीकर के पास भेज दिया. बिल पर वोटिंग न किए जाने से भड़के कांग्रेसी सांसद वैल में आ गए और नारेबाजी की. कांग्रेस कहती रही कि सदन के नेता अरुण जेटली ने सदन को गुमराह किया और वह विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाएगी. केवीपी रामाचंद्र राव ने कहा कि सोमवार को जयराम रमेश, अरुण जेटली के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देंगे.
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