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मार्च में बेहोश हुईं सांसद मिताली बाघ, राहुल गांधी ने की मदद; जानें TMC नेता से जुड़ी खास बातें

दिल्ली पुलिस ने बताया कि उसने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च निकाल रहे विपक्षी दलों के 30 से अधिक सांसदों को हिरासत में लिया है.

मार्च में बेहोश हुईं सांसद मिताली बाघ, राहुल गांधी ने की मदद; जानें TMC नेता से जुड़ी खास बातें
  • दिल्ली में विपक्षी दलों ने राहुल गांधी के नेतृत्व में संसद भवन से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला
  • मार्च के दौरान तृणमूल कांग्रेस सांसद मिताली बाघ गर्मी और उमस के कारण बेहोश हो गईं
  • राहुल गांधी तुरंत मिताली बाघ के पास पहुंचे और उनका हाल जान फिर उन्हें गाड़ी में बिठाया
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नई दिल्ली/कोलकाता:

दिल्ली में आज SIR और कथित चुनाव धांधली के खिलाफ विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन देखने को मिला. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्षी दल संसद भवन से चुनाव आयोग तक मार्च कर रहे हैं. विपक्ष के इस मार्च के दौरान TMC सांसद मिताली बाघ बेहोश होकर गिर पड़ीं. जैसे ही मिताली को राहुल ने देखा वो तुरंत वहां पहुंच गए और उनकी मदद करने लगे. आसपास मौजूद बाकी सांसद भी वहां पहुंच गए. राहुल ने मिताली बाघ से उनका हाल जाना फिर उन्हें गाड़ी में बैठाकर वहां से भेज दिया.

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कौन हैं टीएमसी नेता मिताली बाघ

मिताली बाघ पश्चिम बंगाल के आरामबाग से तृणमूल कांग्रेस की सांसद है. हुगली के दतपुर गांव की रहने वाली मिताली बाघ का जीवन संघर्षों से भरा रहा है. उन्होंने एक छोटे से गांव की पहली महिला ग्रेजुएट, बाघ ने ग्राम पंचायत से लेकर जिला परिषद तक का सफर तय किया और इस सांसद चुनी गईं.  बाघ के पिता का लापता होना और मानसिक स्थिति बिगड़ना उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट था. इसके बाद उन्होंने सामाजिक कार्यों में खुद को समर्पित किया. उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में काम किया, बच्चों को पढ़ाया और गांव में सड़क व पानी की सुविधा दिलाई.

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मिताली का राजनीतिक सफर

मिताली बाग ने हाल के अरामबाग लोकसभा सीट जीती, जो 2009 से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. उनकी राजनीतिक यात्रा 2013 में हाजिपुर ग्राम पंचायत की सदस्य के रूप में शुरू हुई थी. 5 साल बाद, वह पंचायत समिति की सदस्य बनीं, और फिर जिला परिषद की सदस्य बनीं. जिसके बाद टीएमसी ने उन्हें हुगली के अरामबाग से मैदान में उतारा, जिसमें हरिपाल, तरकेश्वर, पुरसुराह, अरामबाग, गोगट, खानाकुल और चंद्रकोना जैसे सात विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. अरामबाग कभी पश्चिम बंगाल के कांग्रेस मुख्यमंत्री प्रफुल्ल चंद्र सेन का निर्वाचन क्षेत्र था, जिन्होंने 1960 के दशक में यहां से चुनाव लड़ा था. उस समय यह क्षेत्र बेकरी और चावल मिलों के लिए जाना जाता था.

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एसएआईआर के खिलाफ विपक्ष का मार्च 

विपक्षी 'इंडिया' (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन के घटक दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित ‘‘वोट चोरी'' के खिलाफ सोमवार को संसद भवन से निर्वाचन आयोग मुख्यालय तक अपना मार्च निकाला. इस मार्च में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और कई अन्य दलों के नेता शामिल हैं. सांसदों ने सिर पर सफेद रंग की टोपी पहन रखी है, जिस पर ‘एसआईआर' और ‘वोट चोरी' लिखा है तथा उन पर लाल रंग के क्रॉस का निशान भी है.

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