हैदराबाद:
पृथक तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) की हड़ताल के कारण लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी बसें नहीं चलीं। निगम की 10,000 से ज्यादा बसें हैं। हैदराबाद, सिकंदराबाद व तेलंगाना क्षेत्र के नौ अन्य जिलों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। निगम के 60,000 कर्मचारियों की हड़ताल का नेतृत्व करने वाली यूनियनों ने पृथक तेलंगाना राज्य के गठन की मांग पर केंद्र सरकार की स्वीकृति मिलने तक हड़ताल जारी रखने की बात कही है। वैसे एपीएसआरटीसी निजी चालकों की मदद से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हैदराबाद में 200 बसें चला रहा है। वहीं तेलंगाना के सभी जिलों और तटीय आंध्र व रायलसीमा क्षेत्र में बस सेवाएं पूरी तरह से ठप्प हैं। यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों का कहना है कि हड़ताल की वजह से एपीएसआरटीसी को हर रोज सात से आठ करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। प्रबंधन द्वारा निजी चालकों के लिए अनुमति के नियमों में ढील दिए जाने के बावजूद हड़ताल समर्थकों के डर से बहुत कम चालक ही बसें चलाने के लिए सामने आए हैं। परेशानियों से गुजर रहे प्रबंधन ने कठोर फैसला लेते हुए मंगलवार रात संविदा पर काम कर रहे और हड़ताल में हिस्सा ले रहे 1,355 चालकों व कंडक्टरों को निकाले जाने की घोषणा की। यह घोषणा भी की गई है कि संविदा पर काम कर रहे जो कर्मचारी बुधवार को काम पर लौट आएंगे, उनकी सेवाएं नियमित कर दी जाएंगी। स्थानीय प्रबंधकों को भी चालकों व कंडक्टरों की भर्ती किए जाने का निर्देश दिया गया है। संविदा कर्मचारियों को निकाले जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कर्मचारियों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने चेतावनी दी है कि इस तरह की कार्रवाई के गम्भीर परिणाम होंगे। समिति ने संविदा कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि वे अपनी नौकरियां बचाने के लिए हड़ताल में उनके साथ डटे रहें। यदि हड़ताल जारी रहती है तो राज्य के 1.19 लाख कर्मचारियों को उनकी सितम्बर की तनख्वाह देना मुश्किल हो जाएगा। हड़ताल से एपीएसआरटीसी को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। निगम पहले ही 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज में डूबा हुआ है। एपीएसआरटीसी कर्मचारियों की यह हड़ताल अलग राज्य के गठन की मांग के समर्थन में तेलंगाना में लोगों के विभिन्न समूहों द्वारा की जा रही अनिश्चितकालीन आम हड़ताल का हिस्सा है।
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