कर विभाग ने वापस लिया आदेश, संपत्ति के संयुक्त मालिक भर सकेंगे सरल फॉर्म के जरिये रिटर्न

आयकर विभाग ने तीन जनवरी को संयुक्त स्वामित्व वाली आवासीय संपत्तियों के व्यक्तिगत करदाताओं और एक साल में एक लाख रुपये का बिजली का बिल अदा करने या विदेश यात्रा पर साल के दौरान दो लाख रुपये खर्च करने वालों पर इन दोनों सरल फार्म के जरिये आयकर रिटर्न दाखिल करने पर रोक लगा दी थी.

कर विभाग ने वापस लिया आदेश, संपत्ति के संयुक्त मालिक भर सकेंगे सरल फॉर्म के जरिये रिटर्न

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली:

आयकर विभाग ने अपने एक सप्ताह पुराने आदेश को वापस लेते हुए किसी एक आवासीय संपत्ति के संयुक्त मालिकों को सरल फॉर्म-एक (सहज) या फॉर्म-4 (सुगम) के जरिये आयकर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दे दी है. आयकर विभाग ने तीन जनवरी को संयुक्त स्वामित्व वाली आवासीय संपत्तियों के व्यक्तिगत करदाताओं और एक साल में एक लाख रुपये का बिजली का बिल अदा करने या विदेश यात्रा पर साल के दौरान दो लाख रुपये खर्च करने वालों पर इन दोनों सरल फार्म के जरिये आयकर रिटर्न दाखिल करने पर रोक लगा दी थी.

सरकार पर बढ़ रहा दबाव - करो आम आदमी पर टैक्स आधा!

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बयान में कहा, ‘‘इस अधिसूचना के बाद यह चिंता जताई जाने लगी कि इन बदलावों से व्यक्तिगत करदाताओं को परेशानी होगी.''विभाग ने कहा कि इस मामले की समीक्षा के बाद यह फैसला किया गया कि कोई भी व्यक्ति जिसके पास किसी आवासीय संपत्ति का संयुक्त स्वामित्व है, उन्हें आईटीआर-1 या आईटीआर-4 के जरिये आयकर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दी जाए. इसके अलावा आयकर कानून की धारा 139 (1) के सातवें नियम के तहत एक या अधिक शर्तें पूरे करने वाले करदाता भी आईटीआर-1 के जरिये रिटर्न दाखिल कर सकेंगे.

मध्‍यप्रदेश में हाई-प्रोफाइल हनी ट्रैप रैकेट की जांच कर रही SIT से आयकर विभाग ने मांगी यह जानकारी...

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

सरकार सामान्य तौर पर व्यक्तिगत करदाताओं के रिटर्न दाखिल करने के लिए हर साल अप्रैल में फार्म अधिसूचित करती है. इस साल सरकार ने आकलन वर्ष 2020-21 (आय वर्ष एक अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020) के लिए कर रिटर्न फॉर्म तीन जनवरी को अधिसूचित कर दिया. आईटीआर-1 सहज फॉर्म के जरिये ऐसे सामान्य निवासी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं जिनकी कुल आमदनी 50 लाख रुपये तक है. वहीं फॉर्म आईटीआर-4 सुगम ऐसे निवासी व्यक्ति, एचयूएफ (एलएलपी से अलग) जारी करते हैं जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है और कारोबार या पेशे से अनुमानित आय के दायरे में आते हैं.
 



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)