एयर इंडिया 68 साल बाद फिर टाटा के पास, 18 हजार करोड़ रुपए में खरीदा

सरकार को 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के एवज में टाटा से 2,700 करोड़ रुपये नकद मिलेंगे.

नई दिल्ली:

एयर इंडिया 68 साल बाद टाटा सन्स के पास फिर चला गया है. इसके लिए सरकार की ओर से बोली मंगाई गई थी, सबसे ज्यादा बोली टाटा सन्स ने लगाई है. टाटा सन्स ने 18 हजार करोड़ रुपए में एयर इंडिया को खरीदा है. दीपम सचिव तुहीन कांता पांडे ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसके ऐलान किया.

टाटा सन्स की एयर इंडिया और इसके दूसरे वेंचर एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 फीसदी हिस्सेदारी होगी, जबकि ग्राउंड-हैंडलिंग कंपनी एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में भी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. निवेश एवं लोक संपत्ति एवं प्रबंधन विभाग सचिव ने बताया कि टाटा की 18,000 करोड़ रुपये की सफल बोली में 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज लेना और बाकी नकद भुगतान शामिल है.

सरकार को 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के एवज में टाटा से 2,700 करोड़ रुपये नकद मिलेंगे.

इस महीने की शुरुआत में टाटा सन्स और स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह (अपनी निजी क्षमता में) दोनों ने बोली लगाई थी. पिछले महीने रिपोर्ट्स में बताया गया था टाटा ने बोली जीत ली है, हालांकि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसे खारिज कर दिया था. उन्होंने तब कहा था कि अभी कुछ भी अंतिम रूप नहीं दिया है.

नागरिक उड्डयन सचिव राजीव बंसल ने एनडीटीवी से कहा है कि टाटा संस द्वारा टेकओवर के पहले साल में किसी भी एयर इंडिया के कर्मचारी की छटनी नहीं की जा सकती है. टेकओवर के एक साल बाद नया मैनेजमेंट कर्मचारियों को एक VRS स्कीम ऑफर कर सकता है. हालांकि, नए मैनेजमेंट के पास एयर इंडिया के टॉप मैनेजमेंट का पुनर्गठन अपने हिसाब से करने का अधिकार होगा.

रतन टाटा ने शुक्रवार को एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिये टाटा संस की 18,000 करोड़ रुपये की बोली स्वीकार करने के सरकार के निर्णय का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि एयरलाइन समूह के लिये एक मजबूत बाजार अवसर प्रदान करती है. हालांकि, कर्ज में डूबी एयर इंडिया को पटरी पर लाने के लिये काफी प्रयास की जरूरत होगी. उन्होंने कहा, ‘‘एयर इंडिया का फिर से स्वागत है.'

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

टाटा ने एक बयान में कहा, ‘टाटा समूह का एयर इंडिया के लिये बोली जीतना बड़ी खबर है.' उन्होंने यह स्वीकार किया कि कर्ज में डूबी एयर इंडिया को पटरी पर लाने के लिये काफी प्रयास की जरूरत होगी, लेकिन यह जरूर है कि टाटा समूह के विमानन उद्योग में मौजूदगी को यह मजबूत बाजार अवसर उपलब्ध कराएगी.' टाटा ने कहा, ‘...एक समय जे आर डी टाटा के नेतृत्व में एयर इंडिया ने दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित एयरलाइनों में से एक होने की प्रतिष्ठा प्राप्त की थी.' उन्होंने कहा कि टाटा को उस छवि और प्रतिष्ठा को फिर से हासिल करने का अवसर मिलेगा जो उसने पूर्व में हासिल की थी.